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Wednesday, December 4, 2024

विद्यानिकेतनमध्ये वार्षिक क्रीडा महोत्सव मोठ्या उत्साहात संपन्न


- श्रीरामपूर - प्रतिनिधी -/ वार्ता -
 येथील स्व.रावसाहेब शिंदे प्रतिष्ठान संचलित विद्यानिकेतन इंग्लिश मिडीयम स्कूलमध्ये तीन दिवसीय वार्षिक क्रीडा महोत्सव नुकताच उत्साहात संपन्न झाला. प्रसंगी महोत्सवाचा आरंभ कार्यक्रमाचे प्रमुख अतिथी श्रीरामपूर उप प्रादेशिक परिवहन (आरटीओ) कार्यालयाचे सहाय्यक मोटार वाहन निरीक्षक पांडुरंग सांगळे, रोहन चव्हाण तसेच मिस इंटरनॅशनल इंडिया सौंदर्यवती रश्मी शिंदे यांच्या हस्ते हॉकीचे जादूगार मेजर ध्यानचंद व स्व.विधिज्ञ रावसाहेब शिंदे यांच्या प्रतिमेस पुष्पहार अर्पण करून व मशाल पेटवून झाला.
         दरम्यान सहाय्यक मोटार वाहन निरीक्षक पांडुरंग सांगळे यांनी आपल्या भाषणातून विद्यार्थ्यांना खेळाबरोबरच अभ्यास, शिस्त, वेळेचे नियोजन, रस्ता सुरक्षेचे नियम व मोबाईलचे फायदे-तोटे याविषयी माहिती दिली. तसेच सौंदर्यवती रश्मी शिंदे यांनी आपल्या भाषणातून वार्षिक क्रीडा महोत्सवास शुभेच्छा देऊन, विद्यार्थ्यांना शैक्षणिक मार्गदर्शन केले. यावेळी इ.चौथी ते सहावीच्या विद्यार्थिनींनी 'लाईट द स्काय' या स्फूर्ती गीतावर नृत्य सादर करून उपस्थितांची मने जिंकली. तसेच इ.आठवी ते दहावीतील विद्यार्थी- विद्यार्थिनींनी उत्कृष्ट संचलन केले. हेड बॉय साईराज थोरात याने विद्यार्थ्यांसमवेत शाळेशी एकनिष्ठ राहण्याची शपथ घेतली. तसेच ब्ल्यू,रेड,येलो,ग्रीन हाऊसनिहाय विद्यार्थ्यांच्या इ.पहिली ते पाचवी व इ.सहावी ते दहावी या दोन गटात रनिंग रेस,रस्सीखेच, कबड्डी,क्रिकेट,खो-खो,हॉलीबॉल बास्केटबॉल या स्पर्धा घेण्यात आल्या. यावेळी विद्यार्थ्यांना विद्यालयाचे क्रीडाशिक्षक (एनआयएस कोच) अजय आव्हाड,मयूर जाधव यांचे मार्गदर्शन लाभले.
       कार्यक्रमास विद्यालयाचे चेअरमन माजी प्राचार्य टी.ई. शेळके,व्हा. चेअरमन डॉ. प्रेरणाताई शिंदे,खजिनदार डॉ.राजीव शिंदे,सौंदर्यवती रश्मी शिंदे, प्राचार्य विनोद रोहमारे, समन्वयक मंगेश साळुंके, मनीषा उंडे तसेच शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी आदी उपस्थित होते. कार्यक्रमाचे प्रास्ताविक गौरव गोसावी, अनन्या शिंदे, सूत्रसंचालन राजवर्धन चौधरी, हिंदवी रोडे यांनी केले,तर शेवटी आभार अक्षदा दळे हिने मानले.

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आपण विकासासोबत समाजकारण केले मात्र काहींनी जातीचे राजकारण केले - आ.थोरात

मा.आ. बाळासाहेब थोरात यांचा
संगमनेर मध्ये संवाद मेळावा संपन्न

- संगमनेर - प्रतिनिधी -/ वार्ता -
संगमनेर येथे लोकनेते बाळासाहेब थोरात यांनी आज स्नेह संवाद मेळाव्याचे आयोजन केले होते. याप्रसंगी त्यांनी जमलेल्या विराट जनसमुदायासोबत संवाद साधला. यावेळी व्यासपीठावर माजी आमदार डाॅ. सुधीर तांबे, नाशिक पदवीधर मतदार संघाचे आमदार सत्यजित तांबे आणि इतर मान्यवर उपस्थित होते 
      
     नुकत्याच झालेल्या विधानसभा निवडणुकीतील पराभवामुळे कार्यकर्ते तथा तालुक्यातील जनतेच्या मनात एक हळहळ होती. ती आज या स्नेहसंवाद मेळाव्याच्या माध्यमातून दूर झाली. 
यावेळी माजी आमदार थोरात म्हणाले की, एका निवडणुकीत जरी आपला पराभव झाला असला तरी तालुक्यातील जनतेने कायम साथ दिली आहे. आपले राजकारणाचे फाउंडेशन मजबूत आहे ते कोणीही हलवू शकत नाही. काहीही झाले तरी जनता आपल्याच सोबत आहे याची खात्री आहे. मागील ४० वर्षात आपण संगमनेर तालुक्याची ओळख बदलली आहे. सतत दंगली होणारा तालुका आपण सुसंस्कृत व संयमी बनवला. सर्व समाजात शांतता बंधुभाव निर्माण करून लोकाभिमुख विकासकामांसोबत समाजकारण केले. यात कधीही आपला आणि विरोधक असा भेदभाव केला नाही. मात्र या निवडणुकीत काही मंडळींनी समाजासमाजात जाती द्वेष आणी धर्म,जाती, भेद निर्माण करत जनतेच्या मनात विष पेरत जे जाती - पातीचे राजकारण केले. त्यास आता मात्र आपल्याला याची दुरुस्ती करायची आहे. आपणही तीर्थरूप स्व. भाऊसाहेब थोरात यांचे वारसदार असून लढणे आपल्या रक्तात आहे. त्यामुळे आता पुन्हा नव्या उभारीने जनतेत जाणार आहे. तालुक्यातील जनतेवर कार्यकर्त्यांवर व सर्वसामान्य नागरिकांवर झालेला अन्याय आपण कधीही सहन करणार नाही. यासाठी लढा द्यावा लागला तरी चालेल आपण मागे हटणार नाही. पुन्हा तालुक्याच्या हितासाठी सर्वांनी आपापसातील मतभेद व मनभेद विसरून एकत्र येणे गरजेचे आहे. तालुक्याच्या विकासासाठी मी भक्कम आहे. आपण तयार केलेला सुसंस्कृत तालुका व त्याचा विकास ही प्रत्येकाचीच आता जबाबदारी आहे असेही ते म्हणाले.


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*वृत्त विशेष सहयोग*✍️✅🇮🇳...
पत्रकार दिपक कदम, श्रीरामपूर 
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समता मीडिया सर्व्हिसेस श्रीरामपूर 
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मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है मगर समाज के बारे में क्यों नहीं सोचता है


यह कथन महान दार्शनिक अरस्तु का है। उनके अनुसार “वह मनुष्य समाज में नहीं रहना चाहता वह या तो देवता है या दानव।”

अरस्तु महान दार्शनिक प्लेटो के शिष्य थे ,एवं सिकंदर के गुरु थे । उनका यह कहना था कि, अन्य जीवो की तरह मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। जिसे हर कदम पर समाज की आवश्यकता पड़ती है। उनका यह कहना है कि, जो मनुष्य समाज में नहीं रहना चाहता वह मनुष्य या तो देवता है या दानव।क्योंकि सभी जीव एक समाज की भांति अपने समूह में रहते है ,वैसे ही मनुष्य को भी एक संगठित समूह में रहना श्रेयस्कर होगा, क्योंकि मनुष्य की जरूरतें,एवं तभी पूरी हो सकती है,जब मनुष्य संगठित होकर रहेगा।
जिस समय अरस्तु ने यह कथन कहीं होगी, उस समय जनसंख्या का घनत्व काफी कम रहा होगा। जंगल की जंगल चारों ओर रहे होंगे ।जंगली जीवो का डर मनुष्यो को सबसे ज्यादा रहता होगा ।आए दिन जंगली जीव , मनुष्य का शिकार करते होंगे। मनुष्य की सुरक्षा हर वक्त असुरक्षित रही होगी। उस परिस्थिति में बहुत ज्यादा जरूरी होगा की, मनुष्य एकजुट होकर समूह में रहे । तभी उनकी सुरक्षा हो सकती है।
अरस्तु द्वारा यह कथा उस वक्त कहा गया होगा, जब धरती पर अन्य जीवो की जनसंख्या भी संतुलन में रही होगी । मनुष्य की भांति अन्य जीव का भी अस्तित्व इस धरती पर मनुष्य के समान रहा होगा।
जैसें जानवर में सारे जानवर अपने अपने झुंड में चलते हैं और दूसरों जीवो से अपनी और अपने साथियों की सुरक्षा करते हैं। वैसे ही मनुष्य जीवन के लिए भी जरूरी है।
पंरतु,धरती पर सारे प्राणियों को प्रकृतिक ने दिमाग दिया किंतु बुद्धि एवं विवेक मनुष्य को दिया । सोचने और समझने ,एवं कुछ करने की क्षमता मनुष्य को दी । इसी विवेक के कारण जो मनुष्य खोजी प्रवृति के होगें जंगलों की ओर चले जाते होंगे ,एव॔ अपनी जान गंवा बैठते होंगे।
इसलिए अरस्तू ने कहा होगा कि अन्य जीवो की तरह मनुष्य भी सामाजिक प्राणी है । मनुष्य को भी समाज में रहना चाहिए । यह उनके कहने का उद्देश्य रहा होगा की,मनुष्य संगठित रहेगे तो, सुरक्षित रहेगे,सरल तरीके से जीवन यापन कर सकेगें।
अरस्तु के इस कथन का वर्तमान में क्या औचित्य है, मैं इस प्रश्न के उत्तर में उलझी हुई हूँ ।
मनुष्य का सामाजिक होना जरूरी है परंतु ,समाज कहते किसे हैं मनुष्य के द्वारा बनाए गए ईट सिमेंट क्रॉंक्रीट के मकानों को ? ऊंचे ऊंचे भवनों को ? या फिर एक कमरे वाले मकान को जिसमें एकसाथ पांच व्यक्ति रहते है।
या सड़को के किनारे जहां बिना सुरक्षा के लोग रात बिताते है।
अरस्तु ने मनुष्य को नसीहत दी और लोग संगठित होने लगे। दो चार परिवार मिलकर कबीला बना कबीले गांव में बदलने लगे,गाँव शहर में बदलने लगे ,छोटे छोटे शहर महानगर बनने लगे। लोगो ने जंगल के जंगल काटकर गांव बना लिया ,शहर बना लिया , महानगर बना लिए।
मनुष्य संगठित होता गया?
जंगल के जंगल कटते चले गये, जंगली जीव का अस्तित्व खतरे में आ चुका है ! जंगली जीव चिड़ियाघर व अभयारण्य की शोभामात्र रह गये है ! पूरी धरती पर जैसे जंगल और जानवर थे, मनुष्य की संख्या सिमित थी ,अब पूरी धरती पर मनुष्य ही मनुष्य है ,जंगल और जंगलीजीवों की संख्या सीमित है ! क्या ऐसे ही समाज की अरस्तु ने परिकल्पना की थी ?
क्या अरस्तु ने ये कहा था की, प्राकृतिक जीवन को छोड़कर कर ईट , सिमेंट कॉंक्रीट का कृत्रिम जीवन मनुष्य अख्तियार कर ले ?समाज के नाम पर प्रकृति का ही दोहन कर दे,जंगली जीवों का ही नाश कर दे !
नही बिल्कुल नही अरस्तु ने वैसे समाज की कल्पना की होगी, जिसमें मनुष्य भी जानवरों की भांति अपने समूह में संगठित रहें। परिवार समाज और संस्कृति धर्म बनाकर मनुष्य एक बेहतर जीवन यापन कर सके। प्रकृति का दोहन न करके प्रकृति के सहारे प्रकृति का विकास कर जीवन यापन कर सके।
अगर अरस्तु के अनुसार यह समाज बना होता तो,मनुष्य जीवन पर संकट वर्तमान में न मडरा रहा होता।
न प्राकृतिक आपदाएं होती न मानवजनित आपदाएं होती। ना ही पूरे विश्व को प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध देखना पड़ता और ना ही वर्तमान की कोरोना महामारी से लाखों लोगो की जान जाती।
समाज ईट सिमेंट कॉंक्रीट के मकानों से नही बनते है बल्कि मनुष्य के मनुष्य के सहयोग से बनते है। एक दूसरे के साथ सहयोगात्मक जीवन जीने से बनते है ना की,बड़े बड़े अपार्टमेंट्स में सैकड़ो की संख्या होने के बाद अकेला जीवन जीने के लिए मजबूर इंसान।
एकता में ताकत होती है , समूह चाहे जानवर का हो या मनुष्य का, जीवन समूह में सरल और सुरक्षित होता है।
परंतु अरस्तु के सारे कथन वर्तमान में निरस्त जैसे लगने लगे है । मनुष्य का समाजिक प्राणी बनने के सफर से मनुष्य असमाजिक प्राणी बनने का सफर शुरू कर चुका है।
अलग-अलग जानवरों की तरह मनुष्य के पूरे विश्व में अलग-अलग समूह बन चुके है।स्थिति ऐसी है कि, मनुष्य ही मनुष्य का दुश्मन है ना की,कोई जानवर ?
मनुष्य को आनेवाले समय में समाजिक प्राणी बनने की जगह फिर से शुरू करनी होगी ,मनुष्य को अपने प्राण बचाने के लिए फिर से कोई समाजिक परिकल्पना करनी होगी ।

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*आलेख*✍️✅🇮🇳...
सुनीता कुमारी 
(पूर्णियां - बिहार)
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*आलेख सहयोग*💐✅🇮🇳...
चंद्रकांत सी पुजारी 
महुवा - सुरत (गुजरात) 
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*संकलन*💐✅🇮🇳...
समता मीडिया सर्व्हिसेस श्रीरामपूर (महाराष्ट्र) 
M - 9561174111
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महाराष्ट्र राज्य पत्रकार संघ आणि दैनिक समर्थ गांवकरी समूहाच्या वतीने ना. राधाकृष्ण विखे पाटील यांच्या समवेत महत्त्वपूर्ण बैठक



 पत्रकारांच्या मागण्यांवर चर्चा

- मुंबई - प्रतिनिधी -/ वार्ता -
मुंबईत नुकतीच एक महत्त्वपूर्ण बैठक संपन्न झाली, ज्यामध्ये महाराष्ट्र राज्य पत्रकार संघ आणि दैनिक समर्थ गांवकरी समूहाच्या वतीने राज्याचे माजी आणि भावी महसूल मंत्री ना. राधाकृष्ण विखे पाटील यांच्या समवेत विविध विषयांवर चर्चा करण्यात आली. या चर्चेत पत्रकारांच्या अनेक महत्त्वपूर्ण मागण्यांचा आढावा घेण्यात आला.
 महायुती सरकारने पत्रकारांच्या आर्थिक विकास महामंडळाची तसेच वृत्तपत्र विक्रेत्यांच्या महामंडळाची मंजुरी दिल्याबद्दल उपस्थित पत्रकारांनी अभिनंदन केले. महाराष्ट्र राज्य पत्रकार संघाचे प्रदेशाध्यक्ष वसंत मुंडे यांच्या अध्यक्षतेखाली 'दीक्षा भूमी ते मंत्रालय संवाद यात्रा' सुरू करण्यात आली होती, या संवाद यात्रेची माहिती तसेच पत्रकारांच्या २२ मागण्यांवर ना. राधाकृष्ण विखे पाटील यांच्याशी चर्चा करण्यात आली आहे.
ना. राधाकृष्ण विखे पाटील यांनी आश्वासन दिले की लवकरच प्रलंबित मागण्या मार्गी लावल्या जातील. त्यांनी ग्रामीण भागातील पत्रकारांसाठी तसेच सोशल मीडियाच्या नियमनासाठी शासन धोरणात्मक निर्णय घेईल, असे सांगितले.

विखे पाटील यांनी पत्रकारांचा लोकशाहीतील योगदान अधोरेखित करताना पत्रकारांना चौथ्या स्तंभाचे महत्त्व पटवून दिले. शासनाला नेहमीच पत्रकारांचे सहकार्य लाभले असून, महायुती सरकार पत्रकार हिताचे निर्णय घेत राहील, असे त्यां
नी नमूद केले.


या वेळी महाराष्ट्र राज्य पत्रकार संघाचे राज्य सरचिटणीस व दैनिक समर्थ गांवकरी समूहाचे संपादक डॉ. विश्वासराव आरोटे, तसेच महाराष्ट्र राज्य पत्रकार संघाचे ठाणे ग्रामीण जिल्हा उपाध्यक्ष आणि दैनिक समर्थ गांवकरी ठाणे ग्रामीण जिल्हा प्रतिनिधी सुभाष विसे यांच्या शुभहस्ते ना. राधाकृष्ण विखे पाटील यांचा शाल, पुष्पगुच्छ, खोबऱ्याचा हार आणि साईबाबा मूर्ती देऊन सन्मान करण्यात आला. उपस्थितांनी पेढा भरवून त्यांचा सत्कार केला.

संघटनेच्या वतीने पत्रकारांच्या मागण्यांसाठी ठोस पावले उचलली जातील, असे प्रदेशाध्यक्ष वसंत मुंडे यांनी सांगितले. ही बैठक पत्रकारांसाठी अत्यंत फलदायी ठरली असून, आगामी काळात शासन पत्रकारांच्या मागण्यांवर सकारात्मक निर्णय घेईल, असा विश्वास व्यक्त करण्यात आला.


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Monday, December 2, 2024

पोलीस उपनिरीक्षक अमोल गोविंदराव पवार यांची नाशिक परीक्षेत्र येथे बदली


- शेवगांव - प्रतिनिधी -/ वार्ता -
गेल्या दिड वर्षापासून शेवगाव पोलीस स्टेशन येथे कार्यरत असलेले पोलीस उपनिरीक्षक अमोल गोविंदराव पवार यांची नुकतीच नाशिक परिक्षेत्र येथे बदली झाली. शांत संयमी आणि मितभाषी असे व्यक्तिमत्त्व पवार यांचे होते. पीएसआय अमोल पवार यांचे कामकाज अत्यंत जवळून पाहिले सुरुवातीच्या काळामध्ये वैयक्तिक कौटुंबिक अडचणी असताना देखील वरिष्ठांनी सांगितलेल्या कुठल्याही कामाला नाही हा शब्द त्यांच्याकडून ऐकायला मिळाला नाही. दिलेले काम त्यांना जमेल किंवा नाही जमेल हा पुढचा विषय असायचा परंतु तात्काळ हो सर मी हे काम करतो असं बोलून कामाला सुरुवात करायचे. दरम्यानच्या कालखंडात अनेक अधिकाऱ्यांच्या बदल्या झाल्या आणि प्रभारी अधिकाऱ्यानंतर फक्त पोलीस उपनिरीक्षक अमोल पवार हे एकमेव अधिकारी शेवगाव पोलीस स्टेशन या ठिकाणी राहिले. त्यावेळी प्रचंड कामाचा लोड आणि अचानक उद्भवणाऱ्या परिस्थितीचा निर्णय घेणे या गोष्टीला ते सामोरे गेले. याच दरम्यान अचानक दुःखाचा डोंगर देखील कोसळा वडील पोलीस विभागामध्ये कार्यरत होते परंतु दीर्घ आजारपणामुळे आजारी रजेवर होते.आणि या आजाराशी झुंज देत त्यांचे निधन झाले. त्यावेळी पवार साहेब कर्तव्य बजावत होते आणि अशातच साहेबांच्या बंधूंचा फोन आला की वडिलांचे निधन झाले. एक क्षण काही सुचत नव्हते तात्काळ अंत्यविधीसाठी साहेब पाचोर्‍याला रवाना झाले.यावेळी एका गोष्टीचे विशेष वाटले आपल्या वडिलांच्या अंतिम क्षणाला देखील साहेब उपस्थित राहू शकले नाही.तेव्हा समजले पोलीस विभाग असेल किंवा सेनादल असेल या ठिकाणी काम करत असताना आपले आई-वडील पत्नी मुलं मुली बहीण भाऊ सर्व नाते एका बाजूला ठेवून देशाची सेवा करावी लागते. शेवगाव पोलीस स्टेशन येथे काम करत असताना सर्व कर्मचारी आणि अधिकारी यांचा समन्वय ठेवण्यात त्यांचा चांगलाच हातखंडा होता. शेवगाव तालुक्यातील शेअर मार्केटच्या घोटाळा संदर्भातील सर्वप्रथम आरोपीला अटक करण्यात साहेबांना यश आले आणि त्यापुढे अनेक आरोपी अटक होत गेले. तक्रारदार ज्यावेळेस पोलीस स्टेशनला येतो तर त्याच्याकडे आपुसकीने चौकशी करणारे पहिलेच अधिकारी मी बघितले.पोलीस खात्यात अधिकारी म्हटलं की प्रचंड ताण-तणाव आणि प्रचंड रागवा रागव, आरडा ओरडा, ही परिस्थिती बघायला मिळाली परंतु डोक्यावर बर्फ आणि हातात साखर ठेवून काम करणारे पहिलेच अधिकारी प्रथमच पोलीस स्टेशनला लाभले. पोलिसांशी मैत्री म्हटलं की *हौशे नऊशे गावशे* असे सगळेच अधिकाऱ्यांच्या अवतीभवती फिरत असतात. परंतु या सर्व लोकांना साहेबांनी कल्पना दिली होती. की कायदा हा सर्वांना समान आहे कितीही जवळचा मित्र असला आणि कायद्याने तो गुन्हेगार असेल तर मी त्याला कायद्याच्या चौकटीतच उभे करणार. 

*शेवगाव पोलीस स्टेशन येथे परि. आयपीएस अधिकारी बी.चंद्रकांत रेड्डी,उपविभागीय पोलीस अधीकारी सुनिल पाटील पोलिस निरीक्षक विलास पुजारी,पोलीस निरीक्षक दिगंबर भदाणे पोलीस निरीक्षक समाधान नागरे सह. पोलीस निरीक्षक दिपक सरोदे सह. पोलीस निरीक्षक आशिष शेळके सह.पोलीस निरीक्षक प्रशांत कांढरे सह.पोलीस निरीक्षक अनिल बागुल सह. पोलीस निरीक्षक महेश माळी सह. पोलीस निरीक्षक धरमसिंग सुंदरडे पोलीस उपनिरीक्षक भास्कर गावंडे, पोलीस निरीक्षक नीरज बोकील पोलीस निरीक्षक विशाल लहाणे इत्यादी अधिकाऱ्यांसोबत अमोल पवार यांना शेवगाव पोलीस स्टेशनला असताना काम करण्याची संधी मिळाली*
आशा कर्तव्यनिष्ठ आणि कार्यतत्पर पोलीस अधिकाऱ्यास मानाचा मुजरा


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Sunday, December 1, 2024

काचोळे विद्यालयाचे विद्यार्थ्यांनी लुटला 'आनंद बाजारचा' आनंद



- श्रीरामपूर - प्रतिनिधी -/ वार्ता -
येथील रयत शिक्षण संस्थेचे डी डी काचोळे माध्यमिक विद्यालय श्रीरामपूर येथे आदरणीय मीनाताई जगधने मॅनेजिंग कौन्सिल सदस्या रयत शिक्षण संस्था सातारा यांच्या मार्गदर्शनाखाली 'आनंद बाजार' या उपक्रमाचे आयोजन करण्यात आले होते. कार्यक्रमाचे उद्घाटन सामाजिक कार्यकर्ते, थोर देणगीदार, माजी विद्यार्थी संघाचे उपाध्यक्ष श्री गणेश थोरात यांच्या हस्ते करण्यात आले. याप्रसंगी विद्यालयाचे उपक्रमशील मुख्याध्यापक सुनील साळवे, पर्यवेक्षक बाळासाहेब रासकर सर हे उपस्थित होते.
         विद्यार्थ्यांना याप्रसंगी संबोधित करताना विद्यालयाचे मुख्याध्यापक सुनील साळवे म्हणाले की, विद्यार्थ्यांना समाजाची ओळख ही खरी बाजारातूनच होत असते. दुकान कोणत्या मालाची लावावी, तो किती खरेदी करावा म्हणजे तेवढा बाजारात विकला जाईल, त्याचे दर कसे निश्चित करावे, त्याचबरोबर ग्राहकांबरोबर व्यवहार कसा करावा, गणिती क्रिया, माणसांची ओळख, स्वभाव, शेवटी नफा झाला की तोटा होतो व तो किती, व पुढच्या वर्षी आलेल्या अनुभवातून आपल्याला नवीन काय करता येईल इथपर्यंत विद्यार्थी विचार करतात. हे विद्यार्थ्यांना आनंद बाजार या संकल्पनेतून समजते. 
            विद्यार्थ्यांनी विविध प्रकारचे स्टॉल्स आनंद बाजार मध्ये लावले. त्याचबरोबर खाद्यपदार्थ स्टॉल, भाजीपाला स्टॉल, फळ विक्री, चायनीज पदार्थ, चहा, नाश्त्याचे पदार्थ, पेय, सँडविच, भेळ चिप्स, मेकअपचे साहित्य, पतंग, विविध खेळण्या यासारखे अनेक स्टॉल्स आनंद बाजारात उपलब्ध होते.
     सर्व विद्यार्थी, पालक, माजी विद्यार्थी, शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी व विद्यालयावर प्रेम करणारे अनेक नागरिक यांनी आनंद बाजारचा आनंद लुटला. विद्यार्थ्यांना यातून प्रत्यक्ष व्यवहाराचा अनुभव मिळाला विद्यार्थ्यांचा उत्साह आनंद ओसंडून वाहत होता.
      आनंद बाजार या उपक्रमाचे कौतुक करताना पालकांनी विद्यालयाचे कौतुक तर केलेच मात्र विद्यार्थ्यांना यातून जीवनाचा प्रत्यक्ष आनंद मिळाला तसेच व्यवहारात ज्ञान मिळाले. असे उपक्रम विद्यालयांमध्ये आयोजित केले जातात ही विद्यार्थ्यांसाठी ज्ञानप्राप्तीची पर्वणीच आहे अशा शब्दात आपल्या प्रतिक्रिया व समाधान व्यक्त केले.

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शब्दगंधच्या पाथर्डी शाखेची बैठक संपन्न


- वजीर शेख - पाथर्डी -/ वार्ता -
साहित्य क्षेत्रात नवोदितांसाठी विविध उपक्रम राबवणारी शब्दगंध ही साहित्यिक संस्था असून लिहित्या हातांना बळ देण्याचे काम शब्दगंध च्या माध्यमातून होत आहे, त्यामुळे शब्दगंध साहित्यिक परिषदेचे सभासदत्व नवोदितांनी स्वीकारावे*, असे आवाहन माजी प्राचार्य डॉ.जी.पी. ढाकणे यांनी केले.
         शब्दगंध साहित्यिक परिषद,महाराष्ट्र राज्य च्या पाथर्डी तालुका शाखेची बैठक शाहीर भारत गाडेकर यांच्या निवासस्थानी नुकतीच पार पडली. त्यावेळी अध्यक्षपदावरून ते बोलत होते. यावेळी प्रमुख पाहुणे म्हणून प्राचार्य अशोक दौंड, राज्य कार्यकारिणी चें उपाध्यक्ष भारत गाडेकर, बंडूशेठ दानापुरे उपस्थित होते. 
पुढे बोलताना प्राचार्य डॉ. ढाकणे म्हणाले की, नवोदितांना प्रेरणा आणि प्रोत्साहन देण्याचं काम शब्दगंध च्या वतीने होत असून पाथर्डी शाखेच्या वतीने जास्तीत जास्त उपक्रम राबवले जात आहेत, ही अत्यंत आनंदाची गोष्ट आहे. कारण शब्दगंध हे पाथर्डी - शेवगावकरांच्या अस्मितेच सांस्कृतीक प्रतीक आहे. 
प्राचार्य दौंड यावेळी बोलताना म्हणाले की, प्रत्येक माणसाला साहित्यिक, सांस्कृतिक भूक असते, आणि ती भूक भागवण्याचे काम पाथर्डी तालुका शाखेच्या वतीने होत आहे, त्यामुळें नवीन लिहिणाऱ्यांनी, साहित्याची आवड असणाऱ्यांनी या चळवळीत सहभागी होणे आवश्यक आहे.
   पाथर्डी तालुका शाखेचे अध्यक्ष डॉ.अनिल पानखडे यांनी गेल्या तीन वर्षात राबवलेल्या विविध उपक्रमांची माहिती देऊन अहवाल सादर केला.
' पुढील आठवड्यात नवीन कार्यकारणी तयार करण्यात येणार असून यामध्ये नव्या जुन्यांचा संगम करण्यात येईल, राज्य कार्यकारिणीचे पदाधिकारी संस्थापक सचिव सुनील गोसावी, अध्यक्ष राजेंद्र उदागे त्यावेळी उपस्थित असतील, असे शाहिर भारत गाडेकर यांनी सांगितले. यावेळी हाजी हूमायून आतार,शशिकांत गायकवाड, डॉ. राजकुमार घुले, महादेव कौसे, भाऊसाहेब गोरे, चंद्रकांत उदागे,राजेंद्र उदारे यांच्यासह तालुका शाखेतील सर्व पदाधिकारी, सभासद उपस्थित होते. 
हुमायून आतार, डॉ अनिल पानखडे यांनी मनोगत व्यक्त केले. शेवटी चंद्रकांत उदागे यांनी आभार मानले.
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*संकलन*✍️✅🇮🇳...
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