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Tuesday, May 23, 2023

दोन लाख 88 हजारांचे मोबाईल तीन चोरट्याकडून जप्त ?


( राहता ) - प्रतिनिधि - वार्ता - शिर्डी शहरात वाढत्या मोबाईल चोरीला आळा घालण्यासाठी शिर्डी पोलिसांनी तांत्रिक प्रणालीचा अवलंब करून मोबाईल चोरांना गजाआड करण्यासाठी मोहीम सुरू केली आहे. त्याआधारे अशा पद्धतीने चोरी करणार्‍या 3 मोबाईल चोरांना पकडन्यास शिर्डी पोलिसांना यश आले आहे. या कारवाईत तीन चोरट्यांकडून अनेक मोबाईल जप्त करण्यात आले
असून त्याची अंदाजे किंमत 2 लाख 88 हजारअसल्याची माहिती शिर्डी पोलिसांनी दिली.
अधिक माहिती अशी, शिर्डी शहरात दुचाकी चोरी प्रकरणात अटकेतील तीन आरोपींची कठोर चौकशी केली असता त्यांनी 11 नामांकीत कंपनीचे अंदाजे 2 लाख 88 हजार रुपये किंमतीचे विविध मोबाईल विविध ठिकाणाहून चोरी केल्याची कबुली दिली. सदरचे मोबाईल देखील जप्त करण्यात आले आहेत.
सदरची कारवाई पोलीस निरीक्षक नंदकुमार दुधाळ, सहाय्यक पोलीस निरीक्षक संभाजी पाटील, पोलीस कॉन्स्टेबल संदीप गडाख, संतोष गोमसाळे, नितीन शेलार, अजय अंधारे, राजेश बिरदवडे यांनी केली. चोरी प्रकरणातील आरोपी अनिल अण्णासाहेब मनतोडे गणेशनगर, सनी शिवाजी माळी सावळीविहीर, विशाल माणिक पवार माहेगाव देशमुख या तिघांना अटक करण्यात आली आहे. त्यांच्यावर भादंवि 379 अन्वये गुन्हा दाखल करण्यात आला आहे.

सह...संपादक...रंजित बतरा...शब्द...✍️✅️🇮🇳...रचना...
संकलन...वार्ता...










दरोड्याच्या तयारीतील साईनाथ नगर नेवासा मध्ये टोळी पकडली नगरच्या स्थानिक गुन्हे अन्वेषण पथक विभागाच्या कामगिरी ?

(अहमदनगर) - प्रतिनिधि - वार्ता - "नेवासा तालुक्यातील साईनाथनगर परिसरात दरोड्याच्या तयारीत असलेली सराईत आरोपींची टोळी हत्यारे व 1 लाख रुपये मुद्देमालासह स्थानिक गुन्हे शाखेच्या पथकाने शितापिणे पकडून गजाआड केले आहे. आरोपींमध्ये राहाता तालुक्यातील गणेशनगर भागातील येथील चौघांचा तर नेवासा फाटा येथील एकाचा समावेश आहे
"या आदेशाप्रमाणे पोलीस निरीक्षक दिनेश आहेर यांनी स्थानिक गुन्हे शाखेतील पोलीस उपनिरीक्षक तुषार धाकराव, हवालदार मनोहर गोसावी, दत्तात्रय गव्हाणे, संदीप पवार, देवेंद्र शेलार, पोलीस नाईक रवींद्र कर्डिले, फुरकान शेख, प्रशांत राठोड, कॉन्स्टेबल मधुकर मिसाळ, आकाश काळे, अमृत आढाव व चालक हवालदार संभाजी कोतकर अशा पोलीस अधिकारी व अंमलदार यांचे पथक नेमून कारवाई करण्या बाबतच्या सूचना दिल्या होत्या"
"झेरो पोलिसा मार्फत माहिती मिळाली की, 5 ते 6 इसम मोटार सायकलवर दरोडा घालण्याच्या तयारीत नेवासा ते श्रीरामपूर रोडने नेवासा परिसरात येत आहेत. आता गेल्यास मिळून येतील अशी खात्रीशीर माहिती मिळाल्याने नमूद ठिकाणी जाऊन खात्री करून कारवाई करणे बाबत सूचना दिल्याने पथक नेवासा ते श्रीरामपूर रोडवर साईनाथनगर शिवारात सापळा लावून थांबलेले असताना बातमीतील वर्णनाप्रमाणे दोन मोटारसायकलवर काही इसम जोरात येताना दिसले."
"पुढे असलेल्या मोटारसायकल चालकाला हात दाखवून थांबण्याचा इशारा करताच त्याने मोटार सायकलचे दोन्ही ब्रेक जोरात दाबल्याने ते खाली पडले. पथकाने पडलेल्या इसमांना ताब्यात घेतले. त्याचवेळी मागील मोटार सायकलवर तीन इसम बसलेले दिसले. त्यांनी पथकास पाहून मोटार सायकल वळवून श्रीरामपूरच्या दिशेने पळून गेले. त्यांचा शोध घेतला परंतु ते मिळून आले नाहीत. ताब्यात घेतलेल्या इसमांना पोलीस पथकाची ओळख सांगून त्यांचे नाव गाव विचारले असता त्यांनी त्यांची नावे शुभम अनिल काळे (वय 23) रा. गणेशनगर ता. राहाता, हल्ली रा. खंडेवाडी, ता. बिडकीन, जिल्हा औरंगाबाद व दीपक अरुण चव्हाण (वय 24) रा. नेवासा फाटा असे असल्याचे सांगितले."
"त्यांचेकडे पळून गेलेल्या इसमांचे नाव गाव विचारले असता त्यांनी पळून गेलेल्या इसमाचे नाव अक्षय यशवंत आव्हाड, आनंद टकल्या अनिल काळे, शाहीद अकबर शेख सर्व रा. गणेशनगर, ता. राहाता असे सांगितले.
ताब्यात घेतलेल्या आरोपींची पंचासमक्ष अंगझडती घेता त्यांचेकडे एक हिरो कंपनीची मोटारसायकल, तीन मोबाईल फोन, एक लोखंडी सुरा, एक लाकडी दाडंके व मिरचीपूड असा एकूण 1 लाख 5 हजार रुपये किंमतीचा मुद्देमाल मिळून आला.
आरोपी विरुद्ध गुन्हा रजिस्टर नं. 543,/2023 भारतीय दंड विधान कलम 399, 402 सह आर्म अ‍ॅक्ट 4/25 प्रमाणे दरोडा तयारीचा गुन्हा दाखल करण्यात आला आहे. पुढील तपास नेवासा पोलीस करीत आहे." असे पत्रकात सांगितले...


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सह : - संपादक रंजित बतरा...शब्द...✍️✅️🇮🇳... रचना...संकलन...वार्ता...
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गुरु अर्जन देवकी महाराज शहादत और गुरु ग्रंथ...साहिब के बनने की कहानी ?


(प्रचिन) - इत्यासिक - लेख - करतारपुर सहित कई नगरों की स्थापना करने वाले गुरु अर्जन देव को क्रूर यातना का भी सामना करना पड़ा था.

धर्म और अध्यात्म

15 अप्रैल को सिखों के पांचवें गुरु अर्जन देव महाराज की जयंती है. इन्हें गुरु अर्जुन देव के नाम से भी जाना जाता है. गुरुवाणी की कई रचनाएं करने वाले गुरु अर्जन देव ने गुरु ग्रंथ साहिब के संपादन में अहम योगदान दिया है. करतारपुर सहित कई नगरों की स्थापना करने वाले गुरु अर्जन देव को क्रूर यातना का भी सामना करना पड़ा था. आइए जानते हैं इनके जीवन से जुड़े अहम तथ्यों के बारे में.बचपन से ही थे बहुभाषी, गुरुमुखी के साथ फारसी- संस्कृत का भी ज्ञान
गुरु अर्जन देव का जन्म 15 अप्रैल 1563 ईस्वी को गुरु रामदास और बीबी भानी के घर गोइंदवाल में हुआ था. इनके पिता गुरु रामदास जी सिख धर्म के चौथे गुरु थे. अर्जन देव अपने पिता के तीसरे और सबसे छोटे बेटे थे. ये बचपन से ही बुद्धिमान थे, इन्होंने बाबा बुड्ढा से गुरुमुखी का ज्ञान प्राप्त किया था. इसके साथ-साथ इन्होंने फारसी और संस्कृत भाषा की शिक्षा भी ग्रहण की थी.

अर्जन देव का धर्म के प्रति समर्पण, निर्मल हृदय और कर्तव्य निष्ठा को देखकर 1581 ईस्वी में उन्हें उनके पिता ने पांचवें गुरु के रुप में गद्दी दी थी.
गुरु अर्जन देव ने कई कठिनाईयों और विरोधों के बावजूद भी 25 वर्षों तक गद्दी संभालते हुए, सिख धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए काफी कुछ किया था.

पिता ने बसाया " अमृतसर", तो बेटे बनाया स्वर्ण मंदिर

गुरु अर्जन देव महाराज के पिता गुरु रामदास जी ने रामदासपुरा नामक नगर की स्थापना की थी. जिसे अब अमृतसर के नाम से जाना जाता है. इनके पिता ने अमृतसर और संतोखसर नामक दो सरोवरों का निर्माण कार्य शुरु किया था, जिसे गुरु अर्जन देव ने ही पूरा करवाया था. अर्जन देव जी ने अमृतसर सरोवर के बीच एक धर्मसाल का निर्माण करवाया था, जिसका नाम हरिमंदिर रखा गया. इसी हरिमंदिर को स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है.
अर्जन देव जी ने हरमंदिर साहिब नामक गुरुद्वारे की नींव 1588 ईस्वी में लाहौर के प्रसिद्ध सूफी संत मीयां मी जी से रखवाई थी. ऐसा माना जाता है कि सैकड़ों वर्ष पुराने इस गुरुद्वारे का नक्शा खुद गुरु अर्जन देव जी ने तैयार किया था.
• 1604 ईस्वी में हरिमंदिर साहिब में आदि ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया गया और बाबा बुड्ढा जी को इसका पहला ग्रंथी नियुक्त किया गया.
करतारपुर- जहां गुरु नानक ने बिताए अपने आखिरी 17 साल करतारपुर- 
गुरुओं की बाणी सहेजने के लिए सरोवर के पास एंकात में संपादित की आदि ग्रंथ साहिब
गुरु अर्जुन देव का जब कार्यकाल शुरू हुआ था, तब तक सिख धर्म के लिए काफी काम हो चुका था. गुरुओं ने काफी मात्रा में बाणी की रचना कर ली थी. इन्हीं बाणियों को सहेजने के लिए गुरु अर्जन देव जी ने भाई गुरदास की सहायता से आदि ग्रंथ साहिब, जिसे गुरु ग्रंथ साहिब भी कहा जाता है, का संपादन किया. गुरु अर्जन देव खुद बोल कर गुरदास जी से इसे लिखवाया था. संपादन का यह कार्य अमृतसर के रामसर सरोवर के किनारे बैठकर एकांत में किया गया था. संकलन और संपादन का यह कार्य 1603 में शुरू होकर 1604 ईस्वी में पूरा हुआ था.
आदि ग्रंथ साहिब में सिख गुरुओं के अलावा अन्य सूफी संतों के ज्ञान का भी समावेश किया गया था.

• गुरु अर्जुन देव जी ने 30 बड़े रागों में लगभग 2,218 शब्दों की रचना की है.
• गुरु अर्जुन देव ने इसमें बिना कोई भेदभाव किए तमाम विद्वानों और भगतों की बाणी शामिल करते हुए श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी का संपादन का काम किया.
रागों के आधार पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब में संकलित यों का वर्गीकरण किया था.
गुरु अर्जन देव जी ने 1604 में दरबार साहिब में पहली बार गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया था. 1430 अंग (पन्ने) वाले इस ग्रंथ के पहले प्रकाश पर बाबा बुड्ढा ने बानी पढ़ने की शुरुआत की थी.
पहली पातशाही से छठी पातशाही तक अपना जीवन सिख धर्म की सेवा को समर्पित करने वाले बाबा बुड्ढा जी इस ग्रंथ के पहले ग्रंथी बने.
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मसंद प्रथा के विकास के लिए शुरु की " दसवंध” परंपरा
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गुरु अर्जन देव महाराज जी ने सिखों में दसवंध (अपनी कमाई का दसवां हिस्सा) निकालने की परंपरा शुरू की ताकि लंगर और दूसरे सभी धार्मिक व सामाजिक काम चलाए जा सकें. इसके लिए विभिन्न केंद्रों पर प्रतिनिधि नियुक्त किए गए, जिन्हें मसंद कहा जाता था.
नगरों की स्थापना, जलापूर्ति के लिए भी किए कार्य
गुरु अर्जन देव जी ने नए नगरों की स्थापना करने के साथ- साथ लोगों की समस्याओं को देखते हुए जलापूर्ति के लिए विभिन्न निर्माण करवाए थे.

• 1590 में गुरु अर्जन देव जी ने अमृतसर से 20 किमी दूर तरनतारन नामक सरोवर बनावाया था, जिस कारण इस नगर का नाम तरनतारन पड़ गया.

• 1593 में इन्होंने जालंधर के निकट करतारपुर नगर की स्थापना की और गंगसर सरोवर का निर्माण करवाया.

• 1595 में पुत्र हरगोबिंद के जन्म की खुशी में व्यास नदी के किनारे हरगोविंदपुर बसाया.

• 1599 में लाहौर यात्रा के दौरान गुरु अर्जन देव जी ने डब्बी बाजार में एक बाउली का निर्माण करवाया था, निजी क्षेत्रों में पानी की कमी को
जिससे स्थानीय क्षेत्रों में पानी की कमी को पूरा किया जा सके.
जहांगीर ने गिफ्तार करवा दीं कई यातनाएं, यहीं से कहलाए शहीदों के "सरताज "
अकबर की मौत के जहांगीर मुगल साम्राज्य का शासक बना. उसी दौरान जहांगीर के बेटे खुसरो ने बगावत कर दी थी, जिसके बाद उसके पिता ने उसे गिरफ्तार करने के आदेश दिए, गिरफ्तारी के डर से खुसरो पंजाब की ओर भागा और तरनतारन में गुरु अर्जन देव जी के पास पहुंचा. गुरु जी ने उसका स्वागत और सहयोग किया, यह बात जहांगीर को चुभ गई. इसके साथ ही जहांगीर अर्जन देव की प्रसिद्ध को भी पसंद नहीं करता था. वहीं, इस मौके को कुछ अन्य विरोधियों ने भुनाते हुए, जहांगीर की आग में घी डालने का काम किया, जिसके बाद जहांगीर ने मौका देख गुरु अर्जन देव पर उल्टे-सीधे आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया.
जहांगीर ने अर्जन देव को अपनी मर्जी के कार्य करवाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने झूठ और अन्याय का साथ देने से इनकार कर दिया और शहादत को चुना.
इसके बाद जहांगीर ने उन्हें शहीद करने का हुकम दिया और लाहौर में कई यातनाएं दीं. उन्हें गर्म तवे पर
बाद उनकी याद में रावी नदी के किनारे पर ही गुरुद्वारा डेरा साहिब बनवाया गया था, जो वर्तमान में पाकिस्तान में स्थित है.

• सिख परंपरा के मुताबिक, गुरु अर्जन जी को शहीदों का सिरताज कहा जाता है. वह सिख धर्म के पहले शहीद थे.

गुरु नानक का 'सच्चा सौदा', जिससे बहुत नाराज हो गए थे उनके पिता...


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: - (लेखक) - भगवंत सिंग प्रितम सिंग बतरा...शब्द...✍️✅️🇮🇳...रचना...संकलन...वार्ता...

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Sunday, May 21, 2023

एलसीबी ची कामगिरी लग्न समारंभात चोरी करणारी टोळी गजाआड दीड लाखांचा मुद्देमाल हस्तगत ?

(अहमदनगर) - प्रतिनिधि - वार्ता - लग्न समारंभातून  रोख रक्कम व मोबाईलची चोरी करणारी नगर शहरातील फिरकत अस्ताना आंतरराज्य टोळी गजाआड करण्यात येथील स्थानिक गुन्हे शाखेच्या (एलसीबी) (LCB) पथकाला यश आले असून या टोळीकडून एक लाख 44 हजार रूपयांचा मुद्देमाल हस्तगत करुन जप्त करण्यात आला आहे.प्रदीप कालुसिंग दपानी (वय 24 रा. कडीयासासी, ता. पचोर, जि. राजगड, मध्यप्रदेश), अमित पन्नासिंग सासी (वय 19 रा. लक्ष्मीपुरा ता. गोगर, जि. बारहा, राजस्थान) अशी जेरबंद केलेल्या चोरट्यांची नावे आहेत. यमुना रघुनाथ लांडगे (वय 75 रा. लांडगेमळा ता. नगर) या 12 मे रोजी मनमाड रोडवरील बंधन लॉन येथे लग्न समारंभात असताना दोन लाख 10 हजार रूपये किंमतीचा
ऐवज असलेली त्यांच्याकडील पर्स अज्ञात चोरट्यांनी चोरली होती.या प्रकरणी लांडगे यांनी तोफखाना पोलीस ठाण्यात (Topkhana Police Station) फिर्याद दिली होती. सदर चोरीची (Theft) घटना घडल्यानंतर जिल्हा पोलीस अधीक्षक राकेश ओला (SP Rakesh Ola), स्थानिक गुन्हे शाखेचे पोलीस निरीक्षक दिनेश आहेर (LCB PI Dinesh Aher) यांच्या मार्गदर्शनाखाली पोलीस अंमलदार मनोज गोसावी, दत्तात्रय गव्हाणे, संदीप पवार, देवेंद्र शेलार, रवींद्र कर्डीले, संतोष खैरे, रोहित मिसाळ, रणजीत जाधव, आकाश काळे, अमृत आढाव, मेघराज कोल्हे, प्रशांत राठोड, फुरकान शेख, संभाजी कोतकर यांचे पथक समांतर तपास करीत होते.सदरच्या गुन्ह्यातील चोरटे हे मध्यप्रदेश पासींगच्या दुचाकीवरून पुणे (Pune) येथून नगर जिल्ह्याकडे येत आहेत, अशी माहिती निरीक्षक आहेर यांना मिळाली होती.
निरीक्षक आहेर यांनी पथकास पंचांना सोबत घेवुन खात्री करून कारवाई करण्याबाबत आदेश दिले. नमुद आदेशाप्रमाणे पथकाने सुपा टोल नाका ( Toll Plaza ) परिसरात सापळा लावुन थांबलेले असताना नगरचे दिशेने बातमीतील वर्णनाप्रमाणे दुचाकीवर आलेल्या दोघांना पकडले. त्यांची पंचासमक्ष अंगझडती घेतली असता 80 हजार रूपये रोख रक्कम व दोन मोबाईल फोन मिळुन आल्याने रोख रकमेबाबत विचारपुस केली असता त्यांनी सदरची रक्कम ही नगर शहरातील बंधन लॉन्स येथील लग्न समारंभामध्ये चोरी केले असल्याबाबत सांगितले.

रक्कम बँक खात्यात पाठवली

चोरट्यांनी 80 हजार रूपये रोख रक्कम व दोन मोबाईल काढून दिले असले तरी चोरीला गेलेल्या उर्वरीत रकमेबाबत त्यांच्याकडे विचारपुस केली असता त्यांनी एक लाख रूपये वसंत कुमार (पुर्ण नाव माहित नाही, रा. कडीयासासी, ता. पचोर, जि. राजगड, मध्यप्रदेश) व कालुसिंह (पुर्ण नाव माहित नाही, रा. लक्ष्मीपुरा, राजस्थान) यांच्या बँक खात्यामध्ये पाठविले असल्याचे सांगितले. तसेच गुन्ह्यातील चोरी केलेले मोबाईल हे फेकुन दिल्याची कबूली त्यांनी दिली. त्यांच्या इतर साथीदाराबाबत विचारपुस करता त्यांनी साथीदार भुपेद्रसिंह अर्जुनसिंह भानेरीया (रा. कडीयासासी, मध्यप्रदेश) याच्या सोबत गुन्हा केल्याची कबुली दिली आहे.

Thursday, May 18, 2023

श्रीरामपूर मध्ये धार्मिक मिरवणुकीच्या कारणावरून टवाळ टवळ्यांचें जमावणे दगडफेक तणाव केल्याने पोलिसांनी जमाव पांगवला कुठलाच अनोकोचीत प्रकार घडला नाही पोलिसांचे सर्तकते ने ?

(श्रीरामपूर) - प्रतिनिधी - वार्ता -

श्रीरामपूर शहरात एका धार्मिक कार्यक्रमानिमित्त सुरू असलेल्या एका धार्मिक मिरवणुकीत अचानक  शांततेचे दिशेने चालल्याले गटांत ले संख्येवर दगडफेक झाली. यात काहीजण जखमी झाले आहेत. अशी माहिती समजते श्रीरामपूर शहरात काही काळ वातावरण तणावपूर्ण झाले होत श्रीरामपूर शहरातील गोंधवणी परिसरात एक धार्मिक मिरवणूक काढण्यात आली होती. मिरवणूक गोंधवणी परिसरातील कॉलनी जवळच आली असता घोषणाबाजी झाल्याने शांततेने चालल्याले गटांत पेच उत्तभव वादावादी करुन दगडफेक केली यात पळापळ होऊन काहीजण खाली पडले. यात अनेकजण जखमी झाले आहेत. या भागात वातावरण तणावपूर्ण झाले होते. या घटनेची माहिती मिळताच पोलीस दाखल झाले. त्यांनी जमाव पांगविला.
मात्र या घटनेचे पडसाद दशमेश नगर व वॉर्ड नंबर दोनमध्ये झाले. दशमेश नगर भागात जमाव जमलाहोता.येथील स्थानिक सर्व व्यावसायिकांनी आपापली दुकाने भीती भेद्रट पणे घाबरून लाग्होपाट काहीवेळातच बंद केली. कुठलेच गालबोट न लागता सर्व परस्तिती नियंत्रण राहिली.
पोलिसांनी त्या ठिकाणीही पोलीस बंदोबस्त तैनात केला. वॉर्ड नंबर दोन मध्ये सुरू असलेल्या उरुसावर त्याचा परिणाम होणार नाही म्हणून पोलिसांनी बंदोबस्त तात्काळ वाढविला. तसेज उरसात सर्व धर्माचे सर्वीकडे चे नागरिक निरनिराळ्या जाती जमातीचे अनेक वर्षा पासून भाई बंधू एकोप्याने उर्स जत्रेच काळात सुरवाती पासून  पुर्ण होऊस्तर दर्शन व आशीर्वाद घेण्या करितादर्गा दायरा परिसरात मोठया संख्येने नागरिकांची वर्दळ निदर्शनास येते अनेक ग्रामिण भागातून शहरातून येऊन उपस्तित राहून  काजी बाबा दर्गा पावन भूमी वर हाजरी लावून -मनो कामना (मन्नत )पुर्ण होण्याचे आप आपल्या -मार्जिन पदतीने दर्शन घेऊन आशिर्वाद घेतात (जियारात ) करतात दुवा मागतात व आनंद ही घेतात तसेज सर्व धर्मा करिता जागृत दैवत असून दर्गे ला येणारे प्रचंड प्रमाणात अनेक दिन दुबळे  सर्व समान्य व्यक्ती चे कितीही अवघड (गंभीर )समस्या सोफी होऊन बाबा कुठले ना कुठले रूपात येऊन सोडवितात पावन होत असून पीडिताना आशीर्वाद दुवा देतात असे चमत्कार सुद्धा जेष्ठ नागरिकां कडण घडल्याला अनुभव ऐकण्यास मिळते ही महत्वाची  बाब आहे व हिंदू मुस्लिम सिख इसाई एकोपायचे प्रतिक असून (प्राचीन ) -दिर्घ -काळापासून सर्व घटक सोबत राहून संयम शांततेने आनंद गुन गौरव गोविंदाणे कित्तेक वर्षाचे परमपरेणे उर्सचे कार्यक्रम संघनमताने यशवंशी पणे पारपाडतात
वाड नंबर दोन मध्येही असलेल्या मिरवणुकीत काहीकाळ वातावरण तणावपूर्ण झाले होते. शिवाजी रोड येथे एका दुकानाजवळ जमाव जमला होता तेथूनही जमावास पोलिसांनी काढून दिले.



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प्रगतीसाठी यश प्राप्त होणे करिता पर्याय मार्ग शिक्षण च आहे सत्त्यजीत तांबे यांचे नाशिक मधे प्रति पादन ?


(नाशिक) - प्रतिनिधि - सौजन्ये दै. पुढारी - वार्ता -जुने नाशिक : कोणत्याही समाजाला प्रगती करण्यासाठी शिक्षण क्षेत्रात कुतूहल असणे गरजेचे असते. जगात होणारे नवनवीन आविष्कार व झपाट्याने होत असलेल्या विकासाशी संलग्न होण्यासाठी शिक्षणाशिवाय पर्याय नाही, असे मत नाशिक विभाग पदवीधर मतदारसंघाचे नवनिर्वाचित अपक्ष आमदार सत्यजित तांबे यांनी व्यक्त केले.
मंगळवारी (दि. १६) वडाळा रोड येथे मुस्लीम बांधवांकडून त्यांच्या नागरी सत्कारावेळी ते बोलत होते. यावेळी विविध विषयांवर चर्चाहीझाली. यावेळी कॉंग्रेसचे ज्येष्ठ नेते ज्ञानेश्वर गायकवाड, युवक काँग्रेसचे जिल्हाध्यक्ष स्वप्निल पाटील, माजी नगरसेवक गुलजार कोकणी, मुशीर सय्यद, माजी नगरसेविका समिना मेमन, आशा तडवी, फैज बँकेचे अध्यक्ष हाजी सलीम मिर्झा, उपाध्यक्ष शकील शेख, अल्पसंख्याक कॉंग्रेसचे शहराध्यक्ष हनीफ बशीर, दाऊद शेख, नदीम शेख, युवाशक्ती फाउंडेशनचे संस्थापक इम्तियाज शेख, जाकिर शेख, ऑल इंडिया मुस्लीम ओबीसीचे जिल्हाध्यक्ष हाजी तनवीरखान तांबोळी, प्रवक्ते फैयाज पठाण, भाजपचे रफिक शेख, मुजम्मिल मिर्झा, राष्ट्रवादीचे शहर उपाध्यक्ष साजिद मुलतानी, समाजसेवक इमरान कोकणी, नइम मामू शेख, मुराद शेख, झिया सर, हन्नान मिर्झा, नासिर शेख, अॅड. साहिल कोकणी उपस्थित होते.









Wednesday, May 17, 2023

आस्तिक कुमार पांडेय जिल्हा अधिकारी औरंगाबाद शासकीय कागदपत्रावर शहराचे नावअद्याप बदलू नका - मनपा, पोलिस आयुक्त आणि बसस्थानक प्रशासनावर कारवाई होण्याची शक्यता ?

(औरंगाबाद) - प्रतिनिधी - वार्ता - छत्रपती संभाजीनगर जिल्ह्याचे औरंगाबाद नाव बदलून छत्रपती संभाजीनगर करण्याचा निर्णय केंद्रशासनाने दोन महिन्यापूर्वी घेतला असून त्याबाबत अधिसूचना जारी केली आहे. केंद्र शासनाने घेतलेल्या निर्णयाविरोधात शहरातील काही सामाजिक संघटनांनी मुंबई उच्च न्यायालयाच्या छत्रपती संभाजीनगर खंडपीठासह मुंबई उच्च न्यायालयात याचिका दाखल केल्या आहेत. उच्च न्यायालयाने दाखल याचिकांची तसेच जिल्ह्याच्या नामांतराला आलेल्या हरकतींची सुनावणी पूर्ण
(((आस्तिक कुमार पांडेय)))

होईपर्यंत शासकीय कागदपत्रावरील औरंगाबाद नाव बदलू नये असे आदेश दिले आहेत. या सर्व पार्श्वभूमीवर छत्रपती संभाजीनगरचे जिल्हाधिकारी अस्तिककुमार पाण्डेय यांनी पत्र काढुन जिल्ह्यातील सर्व शासकीय कार्यालय प्रमुखांना शासकीय कागदपत्रावरील औरंगाबाद नाव बदलू नका असे आदेश दिले आहेत.औरंगाबाद जिल्ह्याचे नाव बदलून छत्रपती संभाजीनगर आणि उस्मानाबादचे नाव बदलून धाराशिव करण्याचा निर्णय केंद्र व राज्य शासनाने दोन महिन्यापूर्वी घेतला असून त्याबाबत परिपत्रक जाहीर केले आहे. केंद्र व राज्य शासनाने घेतलेल्या या निर्णयाला शहरातील काही सामाजिक संघटना व काही नागरिकांनी विरोध करीत उच्च न्यायालयात याचिका दाखल केली आहे. तसेच अनेकांनी विभागीय आयुक्तांकडे लेखी अर्जाद्वारे
आपले आक्षेप दाखल केले आहेत. उच्च न्यायालयाने दाखल याचिकांची तसेच जिल्ह्याच्या नामांतराला आलेल्या हरकतींची सुनावणी पूर्ण होईपर्यंत शासकीय कागदपत्रावरील औरंगाबाद नाव बदलू नये असे रितसर आदेश दिले आहेत. या सर्व पार्श्वभूमीवर छत्रपती संभाजीनगरचे जिल्हाधिकारी अस्तिककुमार पाण्डेय यांनी पत्र काढुन जिल्ह्यातील सर्व शासकीय कार्यालय प्रमुखांना शासकीय कागदपत्रावरील औरंगाबाद नाव बदलू नका असे आदेश दिले आहेत.
दरम्यान, केंद्र व राज्य शासनाने घेतलेल्या निर्णयाची तात्काळ अंमलबजावणी करीत महानगर पालिका, पोलिस आयुक्तालय आणि मध्यवर्ती बसस्थानकावरील औरंगाबाद नाव हटवून त्या ठिकाणी छत्रपती संभाजीनगर असे नाव लावण्यात आले आहे. त्यामुळे मनपा आयुक्त, पोलिस आयुक्त आणि मध्यवर्ती बसस्थानकाच्या प्रशासनाविषयी उच्च न्यायालय व जिल्हाधिकारी अस्तिककुमार पाण्डेय काय कारवाई करतात याकडे सर्वांचे लक्ष लागले आहे.


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