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Sunday, November 5, 2023

*"पत्रकार संरक्षण समिति" का केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को 48 घंटे के भितर मुद्रित अंक भेजने पर पुनर्विचार करने हेतु पत्र...!*

*अक्षय तोटावार*

((((यवतमाल संवाददाता))))
 "पत्रकार संरक्षण समिति" ने हाल ही में मुद्रित अंक के प्रकाशन के 48 घंटे के भीतर आरएनआई और पीआईबी कार्यालय को अंक भेजने की अनिवार्यता के इस निर्णय को वापस लेने, पुनर्विचार करने या संशोधित करने के लिए ईमेल और रजिस्टर पोस्ट के माध्यम से एक पत्र भेजा है।
 हमारी बात पर संज्ञान लेते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को हमारे प्रश्न पर सकारात्मक विचार करना चाहिए और प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण पत्रकारों, संपादकों एवं प्रकाशकों की मांगों पर विचार कर निर्णय लेना चाहिए।

 साथ ही, प्रिंट मीडिया में अंक प्रकाशित होने के 48 घंटे के भीतर उसे आरएनआई और पीआईबी कार्यालय में भेजना अनिवार्य कर दिया गया है। 2000 (रु.), ऐसा न करने पर अंक लगातार प्रकाशित न होने पर अंक की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। यह प्रिंट मीडिया के साथ अन्याय है. क्योंकि किसी शहर या महानगर में प्रकाशक को तय समय सीमा के भीतर अंक भेजना संभव नहीं होगा। इस शर्त (नियम) पर पुनर्विचार कर रद्द किया जाये. यह बात *''पत्रकार संरक्षण समिति''* की ओर से दिये गयपत्र में कही गयी है.
 आरएनआई कार्यालय ने 25 सितंबर 2023 को एक नया आदेश जारी किया है. आरएनआई द्वारा जारी निर्णय को सभी प्रकाशकों के लिए बदला या पुनर्विचार किया जाना चाहिए और आरएनआई का कार्यालय और पीआईबी का कार्यालय देश और राज्य में प्रत्येक जिले या तालुका स्तर पर नहीं हैं। साहित्य मुंबई में आरएनआई कार्यालय पहले ही बंद कर दिया गया है। आरएनआई और पीआईबी के सभी कार्यालय प्रकाशकों से बहुत दूर हैं। महाराष्ट्र में, राज्य के कई प्रकाशकों के लिए असुविधाजनक, अत्यधिक दूरी के कारण उक्त परिपत्र के अनुसार कार्रवाई करना संभव नहीं है। इस पर पुनर्विचार करना चाहिए और पुनर्विचार करना चाहिए अथवा शिथिल करना चाहिए।
इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि कूरियर के माध्यम से भेजे गए मुद्रित अंक की प्रति समय पर प्राप्त होगी। इसके अलावा, प्राप्त अंक के संबंध में आरएनआई और पीआईबी कार्यालय से प्रकाशकों को लिखित रूप में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी जाती है। इसके अंक मिलते हैं या नहीं. यह भ्रम बना हुआ है, उक्त निर्णय पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से एक बयान के जरिए नियमों को बदलने, उन्हें रद्द करने और फैसले को वापस लेने का अनुरोध किया गया है.

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आपका -
*विनोद एन. पत्रे*
संस्थापक / अध्यक्ष
*पत्रकार संरक्षण समिति, महाराष्ट्र राज्य*
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*संकलन:*✍️✅🇮🇳...
समता न्यूज नेटवर्क,श्रीरामपूर - *9561174111*
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