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Monday, November 6, 2023

*महिलाओं को सुविधाओं की फेहरिस्त में* *एक और अध्याय जुड़ा* 🌹🥀🌺🌷🌸 ❤️ ✅ 🇮🇳...

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*महिला सैनिकों को दिपावली के*
 *पहले बहुत बड़ा तोहफा !*

महिलाओं को मैटरनिटी और पुरुषों को पैटरनिटी लीव मिलने से शिशु देखभाल के दूरगामी सुखद परिणाम आते हैं - *एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी - गोंदिया*

गोंदिया - वैश्विक स्तरपर पूरी दुनियां जानती है कि भारत में महिलाओं का सम्मान और लेडीज फर्स्ट की भावना का सम्मान सबसे अधिक किया जाता है। यहां महिलाओं को दैव्य शक्ति के रूप में माना जाता है जो आदि अनादि काल से है, इसलिए ही यहां सरकारों द्वारा महिला सुविधाओं को महत्व दिया जाता है परंतु कुछ वर्षों से महिलाओं को विशेष रूप से सुविधाए दी जा रही है, जैसे उज्जवला योजना लाडली बहन योजना सहित अनेक योजनाएं हैं और अभी संसद के विशेष सत्र में नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023अभूतपूर्व उपलब्धि के साथ संसद के दोनों सत्रों में पारित किया गया और अभी दिनांक 5 नवंबर 2023 को माननीय केंद्रीय रक्षामंत्री ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दी जिसमे अब सभी महिला सैनिकों को मातृत्व, शिशु देखभाल और दत्तक-ग्रहण अवकाश समान रूप से मिलेगा। यह छुट्टी सेना में सभी ओहदों पर कार्यरत महिला सैन्य कर्मियों को समान रूप से मिलेगी, चाहे वो अधिकारी हों, या न हों।रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यह सुविधा महिलाओं के पारिवारिक और सामाजिक मुद्दों के समाधान में दीर्घकालिक महत्व की साबित होगी। इससे सेना में उनकी कामकाजी परिस्थितियां बेहतर होंगी और वे अपने पेशेवर और पारिवारिक जीवन के बीच संतुलन बिठा सकेंगी। सेना में सभी महिला कर्मियों के लिए मातृत्व, शिशु देखभाल और दत्तक-ग्रहण अवकाश उपलब्ध की सुविधा सेना के तीनों अंगों के लिए एक बड़ा परिवर्तन है। वर्ष 2019 में थल सेना में सैन्य पुलिस कोर में महिला सैनिकों की भर्ती शुरू हुई थी। चूंकि पुरुषों को पैटरनिटी लीव और महिलाओं को सुविधाओं की फेहरिस्त में एक और अध्याय जुड़ गया है और महिलाओं को दीपावली के पहले बहुत बड़ा तोहफा मिला है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, महिलाओं को मैटरनिटी और पुरुषों को पैटरनिटी लीव से शिशु देखभाल में दुर्गा में परिणाम आते हैं। 
साथियों बात अगर हम महिला सैनिकों संबधी मैटरनिटी लीव का प्रस्ताव पारित होने की करें तो, केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले महिला सैनिकों को बड़ा तोहफा दिया है, अब भारतीय सेना में काम करने वाली महिला सैनिकों, सेलर्स, एयर वॉरियर्स और महिला अग्निवीरों को एक समान मैटरनिटी लीव मिलेगी। रक्षा मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब से पहले सेना में केवल हायर रैंक वुमन ऑफिसर्स को मैटरनिटी लीव और बच्चों के अडॉप्शन पर छुट्टियां दी जाती थीं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सशस्त्र बलों में महिला सैनिकों, नाविकों और वायु योद्धाओं के लिए उनके अधिकारी समकक्षों के समान मातृत्व, बाल देखभाल और बच्चे को गोद लेने पर चाइल्ड केयर लीव दी जाएगी। नियम जारी होने के साथ ही सेना में सभी महिलाओं को, चाहे वह अधिकारी हो या किसी अन्य रैंक की, ऐसी छुट्टियाँ देना समान रूप से लागू होगा। महिलाअधिकारियों को 180 दिनों की मैटरनिटी लीव मिलती है, इसके साथ ही अगर वो एक साल से कम उम्र के बच्चे को गोद लेती हैं तो उसके गोद लेने की तारीख के बाद से उन्हें 180 दिनों की छुट्टी मिलती है। एक महिला अधिकारी को अपनी पूरी नौकरी के दौरान 360 दिन बच्चे की देखभाल के लिए मिलते हैं। इसके लिए बच्चों की उम्र 18 साल से कम होनी चाहिए। रक्षा मंत्रालय के इस फैसले के बाद भारतीय सेना में काम करने वाली सभी महिलाओं को पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ बैलेंस करने में मदद मिलेगी।साथ ही वह बाकी महिलाओं को बच्चे के जन्म और गोद लेने पर मिलने वाली छुट्टियों की तरह ही मैटरनिटी औरचाइल्ड केयर लीव का लाभ उठा पाएंगी। भारतीय सेना के सैन्य पुलिस कोर में सैनिकों के रूप में महिलाओं की भर्ती साल 2019 से शुरू हुई. वहीं अग्निवीर योजना की शुरुआत के बाद महिलाओं की कोर ऑफ मिलिट्री पुलिसमें भर्ती की जा रही है।इंडियन नेवी में भी अग्निवीर योजना के तहत महिला सेलर्स की भी भर्ती शुरू की गई है रक्षा मंत्रालय के इस फैसले से सभी को इसका लाभ मिलेगा। रक्षा मंत्रालय से सशस्त्र बलों में तैनात महिलाओं के छुट्टियों को लेकर एक प्रस्ताव जारी किया गया है, इस प्रस्ताव में महिलाओं की छुट्टियों को लेकर एकनियम बनाया गया है। सुरक्षा बलों में अब महिला अधिकारियों की तरह ही महिला सैनिकों को भी अब मातृत्व, बच्चों की देखभाल और बच्चे गोद लेने के लिए छुट्टियां और अन्य सुविधाएं दी जाएगी. इससे महिला सैनिक अपने पेशेवर और पारिवारिक जीवन को अधिक प्रभावशाली ढंग से संतुलित बना सकेंगी। भारतीय सशस्त्र बल के नए नियमों से अब सभी रैंकों की महिला कर्मियों के बीच समानता आ गई है। इस नियम के आने के बाद से सेना में सभी महिलाओं के लिए ऐसी छुट्टियों का अनुदान समान रूप से लागू होगा, चाहे वह अधिकारी हो या किसी अन्य रैंक का हो। 
साथियों बात अगर हम मेटरनिटी लीव कानून की करें तो,2017 से पहले भारत में कामकाजी महिलाओं को 12 हफ्ते यानी तीन महीने की ही मैटरनिटी लीव मिलती थी। लेकिन अक्सर तीन महीने की छुट्टी के बाद महिलाओं का काम पर वापस लौटना मुश्किल होता था और वो छुट्टी बढ़ा लेती थीं।लिहाजा 2017 में केंद्र सरकार ने मैटरनिटी बेनिफिट कानून में संशोधनकर दिया।इसके बाद मैटरनिटी लीव 12 हफ्ते से बढ़कर 26 हफ्ते तक हो गई। कानूनन, पहले और दूसरे बच्चे के लिए 26 हफ्ते की मैटरनिटी लीव मिलती है. तीसरे या इससे ज्यादा बच्चे होने पर 12 हफ्ते की ही छुट्टी का प्रावधान है. मैटरनिटी लीव में कामकाजी महिलाओं को उनकी पूरी सैलरी मिलती है।इसके अलावा, कानून ये भी कहता है कि तीन महीने से कम उम्र के बच्चों को गोद लेने वालीं या सेरोगेट मदर्स को भी 12 हफ्ते की मैटरनिटी लीव दी जाएगी.।वैसे तो भारत की आधी आबादी महिलाओं कीहै,लेकिनकामकाजी महिलाओं की आबादी की भी आधी है।वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, भारत में कामकाजी महिलाओं की आबादी 27 फीसदी है।मैटरनिटी लीव की वजह से भी कामकाजी महिलाओं पर असर पड़ता है। 2018 में एक निजी संस्था टीमलीज ने 300 कंपनियों के कर्मचारियों पर सर्वे किया था। इस सर्वे में सामने आया था कि मैटरनिटी लीव की वजह से 11 से 18 लाख महिला कर्मचारियों की छुट्टी हो सकती है। 
साथियों बात अगर हम पूरी दुनिया में मैटरनिटी लीव के प्रावधानों का अध्ययन करें तो,इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में सबसे लंबे समय तक मैटरनिटी लीव क्रोएशिया में मिलती है. यहां कामकाजी महिलाओं को 58 हफ्ते की छुट्टी मिलती है. वहीं, नॉर्वे में 56 और स्वीडन में 55 हफ्तों की मैटरनिटी लीव मिलती है।कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके, मोंटेनेगरो, बोसनिया, अल्बानिया और जर्मनी में महिलाओं को 52 हफ्ते की मैटरनिटी लीव मिलती है। अमेरिका ऐसा देश है जहां मैटरनिटी लीव को लेकर कोई पॉलिसी नहीं है. यहां के कुछ राज्यों में महिलाओं को 12 हफ्तों की मैटरनिटी लीव मिलती है, लेकिन वो अनपैड होती है। यानी, इस दौरान कामकाजी महिलाओं को सैलरी नहीं दी जाती।संयुक्त अरब अमीरात में महिलाओं को सिर्फ 6 हफ्ते की मैटरनिटी लीव मिलती है। नेपाल, ओमान, कतर और लेबनान में भी महज 7 हफ्तों की ही मैटरिनिटी लीव का प्रावधान है। 
साथियों बातें अगर हम पैटरनिटी लीव की करें तो,दरअसलपैटर्निटी लीव किसी भी स्टाफ को मिलने वाली वह छुट्टी है, जो उसे पिता बनने के बाद मिलती है। यह लीव बच्चे और उसकी मां की देखभाल के लिए मिलती है। आमतौर पर यह लीव बच्चे की डिलिवरी के 15 दिन पहले से लेकर उसके जन्म के बाद 6 महीने तक कभी भी ले सकते हैं।आपने नोट किया होगा कि बच्चा जन्म के बाद से ही मां को पहचानने लगता है। इसकी वजह उसका मां से जुड़ाव है, जबकि पिता के साथ ऐसा नहीं होता। नवजात पिता को नहीं पहचानता।यही वजह है कि वह जन्म के बाद पिता को देखकर रोने भी लगता है. अगर आप जन्म से कुछ समय पहले या जन्म के बाद कुछ दिन बच्चे के साथ बिताएंगे तो वह आपको भी पहचानने लगेगा. इसके अलावा इस मौके पर आपका साथ आपकी पार्टनर को फिजिकल और मेंटल दोनों तरह का सपोर्ट देता है। यह तभी संभव हो सकेगा जब आप लीव पर होंगे. इसके लिए आप पैटर्निटी लीव ले सकते हैं।भारत में इस लीव की बात करें तो सेंट्रल गवर्नमेंट के पुरुष कर्मचारी 15 दिनों की पैटर्निटी लीव ले सकते हैं। प्राइवेट कंपनी के स्टाफ के लिए कई फिक्स रूल्स नहीं हैं. यहां कई बड़ी कंपनियां इस लीव को देती हैं, तो कई कंपनियां इस कॉन्सेप्ट को नहीं मानतीं। इसलिए जरूरी है आप छुट्टी को लेकर अपनी कंपनी की एचआर पॉलिसी को जरूर पढ़ें। अगर सरकारी स्तर पर ही इस लीव की बात करें तो यह दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और मेघालय में सरकारी कर्मचारियों को यह छुट्टी मिलती है। मेघालय को छोड़कर इसे डिलिवरी से 15 दिन पहले या बच्चे के जन्म के बाद 6 महीने तक कभी भी ले सकते हैं। वहीं मेघालय में डिलिवरी से 7 दिन पहले या जन्म के बाद के 6 महीने तक कभी भी ले सकते हैंपैटरनिटी लीव देने वाले अति महत्वपूर्ण लोगों की करें तो।भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली, मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग, टेनिस प्लेयर सेरेना विलियम्स के पति ओहानियान, शाहिद कपूर, सैफ अली खान और रितेश देशमुख जैसे बड़े नाम बच्चे के जन्म पर छुट्टी ले चुके हैं। 
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि महिलाओं को सुविधाओं की फेहरिस्त में एक और अध्याय जुड़ा।महिला सैनिकों कोदिपावली के पहले बहुत बड़ा तोहफा महिलाओं को मैटरनिटी और पुरुषों को पैटरनिटी लीव मिलने से शिशु देखभाल के दूरगामी सुखद परिणाम आते हैं।

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*-संकलनकर्ता*✍️✅🇮🇳
 *लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार* 
*एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी* *गोंदिया महाराष्ट्र - मोबा: 9284141425*
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*संकलन:*✍️✅🇮🇳
समता न्यूज नेटवर्क,श्रीरामपूर - *9561174111*
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भारतीय कुंभार समाजातील संत 'ह्या डॉ.उपाध्ये यांच्या ग्रन्थास घोषित पुरस्कार भूषणावह दिनकरराव पोखरकर💐✅🇮🇳...

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श्रीरामपूर - प्रतिनिधि - / वार्ता -
संत साहित्य ही भारतीय समाजाची सांस्कृतिक श्रीमंती आहे.संतांनी उच्च मानवतेची मूल्ये दिली.पुणे येथील मातृमंदिर विश्वस्त संस्थेचा'संत साहित्य पुरस्कार' डॉ. बाबुराव उपाध्ये यांच्या 'भारतीय कुंभार समाजातील संत 'या संशोधन ग्रन्थास घोषित झाला, हॆ भूषणावह असल्याचे मत श्रीरामपूर तालुका पेन्शनर्स असोशिएशनचे उपाध्यक्ष दिनकरराव पोखरकर यांनी व्यक्त केले.

   श्रीरामपूर येथील जिजामाता चौकातील जेष्ठ आनंद मेळावा आणि श्रीरामपूर तालुका पेन्शनर्स असोसिएशनच्या 'विरंगुळा 'केंद्रात डॉ. बाबुराव उपाध्ये यांना त्यांनी लिहिलेल्या 'भारतीय कुंभार समाजातील संत 'या प्रकल्प संशोधन ग्रन्थास पुणे येथील मातृमंदिर संस्थेचा पुरस्कार घोषित झाल्याबद्दल सत्कार करण्यात आला. त्याप्रसंगी अध्यक्षीय भाषणात दिनकरराव पोखरकर बोलत होते. प्रमुख पाहुणे म्हणून माजी प्राचार्य टी. ई. शेळके, माजी प्राचार्य डॉ. शन्करराव गागरे, जेष्ठ नागरिक मेळाव्याचे अध्यक्ष लक्ष्मणराव निकम, सचिव कचरू बोरुडे, खजिनदार दामोदर जानराव यांच्या हस्ते दोन्ही संघटनेतर्फे तसेच प्रा. शिवाजीराव बारगळ यांनीही डॉ.उपाध्ये यांचा सत्कार केला.प्रारंभी सौ. पुष्पाताई पोखरकर यांनी देशभूमीची प्रार्थना म्हटली. श्री.सी. के. भोसले यांनी श्रद्धांजली ठराव मांडला. दामोदर जानराव यांनी जमाखर्च सादर केला.डॉ. बाबुराव उपाध्ये यांनी 'भारतीय कुंभार समाजातील संत 'पुस्तकाची माहिती दिली.विद्यापीठ अनुदान आयोग, नवी दिल्ली यांनी अनुदान दिलेला हा संशोधन प्रकल्प पुस्तकरूपाने प्रकाशित करावा असे पत्र दिले. पुणे येथील डॉ. स्नेहल तावरे यांनी स्नेहवर्धन प्रकाशनतर्फे हा ग्रन्थ प्रकाशित केला.महाराष्ट्रातील संत गोरा कुंभार, कर्नाटकातील संत सर्वज्ञ, गुजरातमधील संत राका कुंभार, राजस्थानातील संत कुबा कुंभार,संत कुमावत साधू, पंजाबमधील कुंभार महात्मा संतराम बी. ए.,उत्तर भारतातील दक्ष प्रजापती,संतकवी डाका, आंध्रप्रदेशातील संत कवयित्री मोल्लाम्बा, मध्यप्रदेशमधील श्री श्री यादेमाता तसेच अमरावती, जळगाव, नागपूर इत्यादी भागातील कुंभार समाजातील विविध साधू, संत, ह.भ. प., महानुभाव साधू केशवमूर्ती दर्यापूरकर (कारभारी दत्तात्रय उपाध्ये ), कोतुळचे संत कोंडाजीबाबा, शिवराय भक्त सजन कुंभार, साईबाबा भक्त भाऊ महाराज कुंभार, पुणे येथील महात्मा धोंडीराम नामदेव कुंभार,अकोले येथील तुकाराम महाराज जाधव,श्रीरामपूर येथील संत कडूबा उफाड, ह. भ. प. तुळशीराम महाराज रसाळ असे अनेक संत, साधू यांचा अभ्यास या पुस्तकात आहे, डॉ. उपाध्ये यांनी सांगितले की २८ पुस्तकाचे परीक्षण डॉ. सुनीताताई जोशी, माधवीताई देसाई यांनी केले. प्रमुख अभ्यागत म्हणून माजी रजिस्ट्रार बृहन महाराष्ट्र कॉलेज ऑफ कॉमर्सचे डॉ.अजित महादेव कुलकर्णी उपस्थित राहणार आहेत.बुधवार दि.२२ नोव्हेंबर २०२३ रोजी १०.३० वा.नवनगर विद्यालय मनोहर सभागृह ज्ञानप्रबोधिनी निगडी पुणे - ४४ येथे पुरस्कार वितरण होणार असल्याची माहिती कार्यवाह म. व. देवळालकर यांनी दिली. डॉ. उपाध्ये यांनी संयोजकांचे धन्यवाद व्यक्त केले. यावेळी माजी प्राचार्य शेळके, लक्ष्मणराव निकम, प्रा. बारगळ, लेविन भोसले यांनी मनोगत व्यक्त केले.आनंदराव भोसले, आर. पी. ढोकचौळे, लता चिलवर, ए. ए. पठाण, दत्तात्रय रायपल्ली, व्ही. बी. भांबारे, विजयराव थोरात, प्रभा विधाते, प्रभा नाईक आदी उपस्थित होते. सूत्रसंचालन माजी गटशिक्षणाधिकारी के. पी. बोरुडे यांनी केले तर सी. के. भोसले यांनी आभार मानले.

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*पत्रकार बी.आ.चेडे - शिरसगांव*
*सहयोगी:*
स्वाभिमानी संपादक सेवा संघ
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समता न्यूज नेटवर्क,श्रीरामपूर - *9561174111*
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Sunday, November 5, 2023

*"पत्रकार संरक्षण समिति" का केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को 48 घंटे के भितर मुद्रित अंक भेजने पर पुनर्विचार करने हेतु पत्र...!*

*अक्षय तोटावार*

((((यवतमाल संवाददाता))))
 "पत्रकार संरक्षण समिति" ने हाल ही में मुद्रित अंक के प्रकाशन के 48 घंटे के भीतर आरएनआई और पीआईबी कार्यालय को अंक भेजने की अनिवार्यता के इस निर्णय को वापस लेने, पुनर्विचार करने या संशोधित करने के लिए ईमेल और रजिस्टर पोस्ट के माध्यम से एक पत्र भेजा है।
 हमारी बात पर संज्ञान लेते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को हमारे प्रश्न पर सकारात्मक विचार करना चाहिए और प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण पत्रकारों, संपादकों एवं प्रकाशकों की मांगों पर विचार कर निर्णय लेना चाहिए।

 साथ ही, प्रिंट मीडिया में अंक प्रकाशित होने के 48 घंटे के भीतर उसे आरएनआई और पीआईबी कार्यालय में भेजना अनिवार्य कर दिया गया है। 2000 (रु.), ऐसा न करने पर अंक लगातार प्रकाशित न होने पर अंक की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। यह प्रिंट मीडिया के साथ अन्याय है. क्योंकि किसी शहर या महानगर में प्रकाशक को तय समय सीमा के भीतर अंक भेजना संभव नहीं होगा। इस शर्त (नियम) पर पुनर्विचार कर रद्द किया जाये. यह बात *''पत्रकार संरक्षण समिति''* की ओर से दिये गयपत्र में कही गयी है.
 आरएनआई कार्यालय ने 25 सितंबर 2023 को एक नया आदेश जारी किया है. आरएनआई द्वारा जारी निर्णय को सभी प्रकाशकों के लिए बदला या पुनर्विचार किया जाना चाहिए और आरएनआई का कार्यालय और पीआईबी का कार्यालय देश और राज्य में प्रत्येक जिले या तालुका स्तर पर नहीं हैं। साहित्य मुंबई में आरएनआई कार्यालय पहले ही बंद कर दिया गया है। आरएनआई और पीआईबी के सभी कार्यालय प्रकाशकों से बहुत दूर हैं। महाराष्ट्र में, राज्य के कई प्रकाशकों के लिए असुविधाजनक, अत्यधिक दूरी के कारण उक्त परिपत्र के अनुसार कार्रवाई करना संभव नहीं है। इस पर पुनर्विचार करना चाहिए और पुनर्विचार करना चाहिए अथवा शिथिल करना चाहिए।
इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि कूरियर के माध्यम से भेजे गए मुद्रित अंक की प्रति समय पर प्राप्त होगी। इसके अलावा, प्राप्त अंक के संबंध में आरएनआई और पीआईबी कार्यालय से प्रकाशकों को लिखित रूप में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी जाती है। इसके अंक मिलते हैं या नहीं. यह भ्रम बना हुआ है, उक्त निर्णय पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से एक बयान के जरिए नियमों को बदलने, उन्हें रद्द करने और फैसले को वापस लेने का अनुरोध किया गया है.

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आपका -
*विनोद एन. पत्रे*
संस्थापक / अध्यक्ष
*पत्रकार संरक्षण समिति, महाराष्ट्र राज्य*
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*संकलन:*✍️✅🇮🇳...
समता न्यूज नेटवर्क,श्रीरामपूर - *9561174111*
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*मा.श्री.जोएफभाई जमादार*यांना त्यांच्या वाढदिवसानिमित्त आमच्या मनःपूर्वक लाख लाख हार्दिक शुभेच्छा 💐✅🇮🇳...

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🎂 *वाढदिवसाच्या हार्दिक शुभेच्छा* 💐

*मा.श्री.जोएफभाई जमादार*
यांना त्यांच्या वाढदिवसानिमित्त आमच्या मनःपूर्वक
 लाख लाख हार्दिक शुभेच्छा 💐
🌹🥀🌺🌷🌸 ❤️ ✅
*आप मुस्कुराऐं जींदगी मे इसीतरहा*
*हर घडी हर लमहा नयी खुशियां पाऐं !*

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*अल्लाह करे यह दिन आपके जींदगी मे*
*बार बार और कई हजारबार आऐ !!*
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आमचे मित्र तथा सहकारी, श्रीरामपूर शहरासह अहमदनगर जिल्ह्यातील धडाडीचे सामाजिक कार्यकर्ते,जे.जे.फाऊंडेशन चे संस्थापक अध्यक्ष आणी समाजवादी पार्टी चे उत्तर अहमदनगर जिल्हाध्यक्ष *मा.श्री. जोएफभाई जमादार* 
यांना त्यांच्या वाढदिवसानिमित्त आमच्या लाख लाख
 हार्दिक शुभेच्छा ! 🌹🌹🌹

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येणाऱ्या भावी आयुष्यात त्यांना सुख समृद्धी, भरभराटी सोबत उत्तम आरोग्यदायी जीवन लाभो ही सदिच्छा !
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*शौकतभाई मित्र मंडळ...श्रीरामपूर*
समता फाऊंडेशन,परिवार...श्रीरामपूर 
स्वाभिमानी संपादक सेवा संघ (महाराष्ट्र प्रदेश)
समता न्यूज नेटवर्क,✍️✅🇮🇳...श्रीरामपूर
महाराष्ट्र साप्ताहिक संपादक संघ (महा.)
सर्व पदाधिकारी आणि सदस्य मंडळ 
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*उसाला प्रति टन ५०००/- रु. दरासाठी शेतकरी संघटनेचे ऊस परिषदेचे आयोजन -- अनिल औताडे जिल्हाध्यक्ष शेतकरी संघटना*


*बी.आर.चेडे - शिरसगांव*
मंगळवार दिनांक ७/११/२०२३ रोजी सकाळी ११.०० वाजता नेवासा तालुका शेतकरी संघटनेने अहमदनगर जिल्ह्याच्या वतीने ऊस परिषद आयोजित केली आहे. परिषदेचे ठिकाण लक्ष्मी मंगल कार्यालय , (पावन गणपती जवळ नेवासा फाटा ) तालुका नेवासा, जिल्हा अहमदनगर येथे आयोजित केली असून सदर असून परिषदेसाठी अध्यक्ष महाराष्ट्र राज्य रघुनाथदादा पाटील व ऍड.अजित काळे राज्य उपाध्यक्ष यांचे मार्गदर्शन लाभणार आहे.तसेच परिषदेसाठी भारत राष्ट्र समितीचे महाराष्ट्र प्रमुख माजी आमदार शंकरअण्णा धोंडगे, कालिदास आपेट कार्याध्यक्ष,क्रांतिसिंह नाना पाटील ब्रिगेड चे प्रमुख शिवाजी नांदखिले,पश्चिम महाराष्ट्र प्रमुख एडवोकेट पांडुरंग रायते आदी मान्यवरांसह विविध जिल्हातील जिल्हाध्यक्ष प्रमुख पदाधिकारी कार्यकर्त्यांसह उपस्थित राहणार आहे.सदर परिषदेमध्ये उसाला एक रकमी पाच हजार रुपये प्रति. टन दर मिळावा, दोन साखर कारखाने व इथेनॉल प्रकल्प यामधील हवाई अंतराची अट रद्द करावी,केंद्र सरकारने साखर, कापूस, तेलाबिया, दूध कांदा आदी सर्व शेतमालावरील निर्यात बंदी उठवावी, पतसंस्था, फायनान्स कंपन्या , व्यापारी बँका आदि मुद्दलाच्या चार पटीने व्याज आकारणी व जप्तीच्या कारवाया करत असलेने त्यास प्रतिबंध करावा,अहमदनगर जिल्हा बँकेने राष्टीयकृत बँकेप्रमाणे एक रकमी कर्ज परतफेड योजना राबवावी. दुष्काळ सदृश्य परिस्थितीमुळे २०२३-२४ साठी ऊस बिलातून सहकारी साखर कारखान्यांनी सेवा सोसायटीसह कुठल्याही वित्तीय संस्थेची सक्तीची कपात करू नये ,स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे विकास महामंडळाची दहा रुपये प्रति टनाची होत असलेली कपात रद्द करावी,उसाचे वजन खाजगी वजन काट्यावर करण्याची परवानगी मिळावी, त्याचप्रमाणे सर्व पक्षाच्या सर्व नेत्यांनी निवडणुकीत आपल्या जाहीरनाम्यात सातबारा कोरा संपूर्ण कर्जमाफी अशा आशयाचे प्रलोभने दाखवून शेतकऱ्यांना फसवून मते घेतली.सर्वच सरकारने शेतकऱ्यांची कर्जमाफी बाबत फसवणूक केली आहे तरी तेलंगाणा प्रमाणे शेतकऱ्यांचे संपूर्ण शेती कर्ज माफ करून सातबारा कोरा करावा,तसेच शेतीला मोफत २४ तास वीज व पाणी मिळावे आदि मागण्यांबाबत परिषदेत शेतकरी संघटनेचे मार्गदर्शक रघुनाथ दादा पाटील व कायदेशीर मार्गदर्शक अडवोकेट अजित काळे मार्गदर्शन करणार आहेत. तरी जिल्ह्यातील भारत राष्ट्र समिती, शेतकरी संघटना व शेतकऱ्यांच्या वतीने सर्वांनी परिषदेसाठी उपस्थित राहण्याचे आवाहन जिल्हाध्यक्ष अनिल औताडे , यु्वराज जगताप, शिवाजी जवरे, रूपेद्र काळे, बच्चू मोढवे, नारायण टेकाळे, रणजित सूल डॉ. दादासाहेब आदिक, योगेश मोरे, बाळासाहेब मोरे, नानासाहेब गाढवे आदी जिल्हा व ता. पदाधिकारी यांच्या वतीने करण्यात येत आहे. सदर परिषदेसाठी हरिभाऊ तुवर जिल्हा उपाध्यक्ष, बाबासाहेब खराडे ज्येष्ठ मार्गदर्शक,त्रिंबक भदगले तालुकाध्यक्ष नेवासा, बाबासाहेब नागोडे उपाध्यक्ष, नरेंद्र पाटील काळे संपर्कप्रमुख, रोहित कुलकर्णी युवा आघाडीप्रमुख,विजय पाटील मते खजिनदार,एडवोकेट विजय कावळे कायदेशीर सल्लागार, सागर लांडे प्रसिद्धी प्रमुख, किरण लंगे, कैलास पवार, भास्कर तुवर आधी पदाधिकारी कार्यकर्त्यांनी परिश्रम घेऊन आयोजन केले आहे.

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*संकलन:*✍️✅🇮🇳...
समता न्यूज नेटवर्क,श्रीरामपूर - *9561174111*
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*भोकरला सरपंच व 14 सदस्यांसाठी 73.07 टक्के मतदान*


*सरपंच व 14 सदस्यांचे भवितव्य मतदान यंत्रात बंद, आज मतमोजणी*

*चंद्रकांत झुरंगे - भोकर*

श्रीरामपूर तालुक्यातील भोकर ग्रामपंचायत निवडणुकीत काल झालेल्या मतदानात 73.07 टक्के मतदान झाले. येथे मुरकूटे-ससाणे विरूद्ध कानडे-ससाणे-विखे अशी सरळ लढत आहे. येथे सरपंच पदासाठी मुरकूटे ससाणे गटाकडून माजी सरपंच पुनम महेश पटारे विरूद्ध कानडे ससाणे विखे गटाकडून शितल प्रताप पटारे अशी लढत आहे. सरपंच पदासाठी व चौदा सदस्यांंचे भवितव्य मतदान यंत्रात बंद झाले, आज मतमोजणी होत आहे. येथे लोकसेवा विकास आघाडी विरूद्ध परीवर्तन आघाडी अशी चुरशीची लढत झाली. प्रभाग पाच मध्ये सायंकाळी सव्वा सात वाजेपर्यंत मतदान सुरू होते. 
येथे सत्ताधारी माजी आमदार भानुदास मुरकूटे व जिल्हा बँकेचे संचालक करण ससाणे गटाच्या जगदंबामाता लोकसेवा विकास आघाडी विरूद्ध आमदार लहु कानडे व जिल्हा बँकेचे संचालक करण ससाणे व महसुलमंत्री ना.राधाकृष्ण विखे गटाचा जगदंबा परीवर्तन आघाडी अशी लढत झाली. आज मतमोजणीनंतर येथे सत्ताधारी पुन्हा सत्तेवर विराजमान होणार की परीवर्तन होणार याकडे तालुक्याचे लक्ष लागलेले आहे. येथे असलेल्या 4962 मतदारांपैकील 3626 मतदारांनी मतदानाचा हक्क बजावल्याने मतदानाची टक़्केवारी 73.07 इतकी झाली.
त्यात प्रभाग एक मध्ये 1030 मतदारांपैकी 788 मतदारांनी मतदानाचा हक्क बजावल्याने येथील मतदान 76.50 टक्के झाले. प्रभाग दोन मध्ये 906 मतदारांपैकी 702 मतदारांनी मतदानाचा हक्क बजावल्याने मतदानाची टक्केवारी 77.48 टक़्के झाली. प्रभाग तीन मध्ये 929 मतदारांपैकी 645 मतदारांनी मतदानाचा हक्क बजावल्याने मतदानाची टक़्केवारी 69.42 टक़्के झाली. प्रभाग चार मध्ये 997 मतदारांपैकी 705 मतदारांनी मतदानाचा हक्क बजावल्याने येथे 70.71 टक्के मतदान झाले तर प्रभाग पाच मध्ये 1100 मतदारांपैकी 786 मतदारांनी मतदानाचा हक्क बाजावल्याने येथील मतदानाची टक़्केवारी 71.45 टक्के झाली. एकुण 4962 मतदारांपैकी 3626 मतदारांनी मतदानाचा हक्क बजावल्याने येथे 73.07 टक़्के मतदान झाले.
  येथे सरपंच पदासाठी पुनम महेश पटारे व शितल प्रताप पटारे तर सदस्य पदासाठी माया तान्हाजी राक्षे, पुनम प्रतिक कांबळे, मयूर दत्तात्रय काळे, सोपान देवराम कोल्हे, हिराबाई मच्छींद्र खंडागळे, सविता सुदाम चौधरी, सिमा सुनिल विधाटे, संगीता लहानभाऊ विधाटे, हरीभाऊ भागवत पटारे, आप्पासाहेब दत्तात्रय जाधव नंदा सुरेश कर्जुले, संगीता बाळासाहेब अभंग, बबन विठ्ठल आहेर, सागर दत्तात्रय आहेर, गीरीष नारायण मते, राधाकीसन सिताराम विधाटे, सविता सुभाष आहेर, छाया दत्तात्रय आहेर, संदिप बापूसाहेब गांधले, ऋषीकेश बाळासाहेब झिने, मिना राजेंद्र आबुज, गीता भाऊसाहेब शेळके, निखील गणेश कांबळे, विजय पावलस अमोलीक, प्रिती सागर शिंदे, ज्योती वेणूनाथ डूकरे, काळू संजय गायकवाड, सम्राट सुरेश माळवदे रिंगनात असल्याने या उमेदवारांचे राजकीय भवितव्य मतदान यंत्रात बंद झाले आहे तर प्रभाग तीन मधून लोकसेवा आघाडीच्या संजीवनी ज्ञानेश्वर काळे ह्या बिनविरोध विजयी झालेल्या आहेत.
काल पार पडलेल्या मतदान प्रक्रीयेत सकाळपासून दुपार पर्यंत मतदानाची गती अतिशय कमी होती परंतू दुपार नंतर मतदारांनी मोठ्या प्रमाणात गर्दी केली होती. यावेळी येथील सरपंच पदाचे दोनही उमेदवारांचे पतीराजांमध्ये झालेली किरकोळ बाचाबाची वगळता मतदान प्रक्रीया शांततेत पार पडली. दुपार नंतर झालेल्या गर्दीत प्रभाग चार व पाच मध्ये उशीरापर्यंत मतदान सुरू होते. त्यात प्रभाग पाच मध्ये सायंकाळी सव्वा सात वाजेपर्यंत मतदान सुरू होते. या मतदान प्रक्रीयेत तालुका पोलीस ठाण्याचे पो.नि.दशरथ चौधरी यांचे मार्गदर्शनाखाली पो.उपनिरीक्षक अतुल बोरसे, पोलीस हवालदार राजु त्रिभुवन, संतोश कराळे, संभाजी वारे व गृहरक्षक दलाने चोख बंदोबस्त ठेवला.

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*संकलन:*✍️✅🇮🇳...
समता न्यूज नेटवर्क,श्रीरामपूर - *9561174111*
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*जिल्ह्यात मराठा कुणबी व कुणबी मराठा, कुणबी जातीचे पुरावे तपासणी मोहीम युद्धपातळीवर सुरू*


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जिल्हाधिकारी कार्यालयात "विशेष कक्ष" कार्यान्वीत
 तालुकास्तरावर ही कक्षांची स्थापन*
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*अहमदनगर जिमाका वृतसेवा:*
आजपासून जिल्ह्यात मराठा कुणबी व कुणबी मराठा, कुणबी जातीचे पुरावे तपासणीची विशेष मोहीम युद्धपातळीवर सुरू झाली आहे. जिल्हाधिकारी कार्यालयात आज 'विशेष कक्ष' कार्यान्वित करण्यात आला. 
मराठवाड्यात कुणबी नोंदी शोधण्यासाठी मोहीम राबविण्यात आली, त्याप्रमाणे आता संपूर्ण राज्यभर ही प्रक्रिया मिशन मोडवर राबविण्याचे निर्देश मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांनी विभागीय आयुक्त आणि जिल्हाधिकाऱ्यांना दिले होते. यावर नाशिक विभागीय आयुक्तांनी जिल्हाधिकारी कार्यालयांमध्ये यासंदर्भात "स्वतंत्र कक्ष" स्थापन करण्याचे निर्देश दिले आहेत. या पार्श्वभूमीवर अहमदनगर जिल्ह्यात सर्व उपविभागीय अधिकारी, तहसीलदार यांनी त्यांच्या कार्यक्षेत्रातील मराठा- कुणबी नोंदी शोधण्यासाठी ४ नोव्हेबर पासूनच विशेष मोहीम हाती घेतली असून यासाठी जिल्हाधिकारी कार्यालयात "विशेष कक्ष" कार्यान्वित करण्यात आला आहे. 

*जिल्हास्तरीय कक्ष :-*

जिल्हाधिकारी सिध्दाराम सालीमठ यांनी जिल्ह्यात अपर जिल्हाधिकारी यांच्या अध्यक्षतेखालील कक्ष स्थापन करण्याचे आदेश जारी केला आहे‌. निवासी उपजिल्हाधिकारी या कक्षाचे सदस्य सचिव असणार आहेत. तर सदस्य म्हणून जिल्हा परिषदेचे उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी (ग्राम पंचायत), शिक्षणाधिकारी (प्राथमिक), शिक्षणाधिकारी (माध्यमिक) व सहायक आयुक्त (नगरपालिका प्रशासन) हे असणार आहेत. 

*तालुकास्तरीय कक्ष :-*

तालुकास्तरावर तहसीलदारांच्या अध्यक्षतेखाली कक्ष स्थापन करण्यात आला आहे. निवासी नायब तहसीलदार हे सदस्य सचिव असणार आहेत. सदस्य सचिव म्हणून गटविकास अधिकारी, गटशिक्षणाधिकारी, मुख्याधिकारी (नगरपालिका/नगरपंचायत) हे असणार आहेत.

तपासणी केलेली कागदपत्रे व नोंदी मिळालेली कागदपत्रे याची निर्दोष यादी तयार करण्यासाठी संपूर्ण अहमदनगर महसूल प्रशासन आजपासून कामाला लागले आहे. जिल्हाधिकारी सिध्दाराम सालीमठ यांच्या मार्गदर्शनाखाली अन्य सर्व उपविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसिलदार आणि महसूल कर्मचारी युद्धपातळीवर काम करीत आहेत. याबाबत जिल्हाधिकारी श्री.सालीमठ स्वतः बारकाईने या कामावर लक्ष ठेवणार आहेत.
*समितीचे कामकाज :-* 
महसूल अभिलेखे खसारा पत्रक, पाहणी पत्रक, क पत्रक, कुळ नोंदवही. नागरिकांचे राष्ट्रीय रजिस्टर सन वही व सातबारा उतारे. १९५१ नमुना नंबर १, नमुना नंबर २, हक्क नोंद, जन्म-मृत्यु रजिस्टर गाव नमुना क्रमांक १४,शैक्षणिक अभिलेखे प्रवेश निर्गम नोंदवही / जनरल रजिस्टर, राज्य उत्पादन शुल्क विभागाकडे अभिलेखे अनुन्याप्ती नोंदवहया, मळी नोंदवही, ताडी नोंदवही अस्थापना अभिलेख, कारागृह विभागाचे अभिलेखे रजिस्टर ऑफ अंडर ट्रायल प्रिझनर, कच्च्या कैद्यांची नोंदवही, पोलीस विभाग गाववारी, गोपनीय रजिस्टर C1, C2. क्राईम रजिस्टर, अटक पंचनामे व एफ आयआर रजिस्टर, सह जिल्हा निबंधक तथा मुद्रांक जिल्हाधिकारी खरेदी खत नोंदणी रजिस्टर, डे बुक करार खत, साठेखत, इसार पावती भाडे चिट्ठी, ठोके पत्रक, बटाई पत्रक, दत्तक विधान पत्रक, मृत्युपत्र, इच्छापत्रक, तडजोड पत्र ई दस्त, भूमि अभिलेख विभाग पक्का बुक, शेतवार पत्रक, वसुली बाकी, उल्ला बुक, रिविजन प्रतिबुक, क्लासेस रजिस्टर व हक्क नोंदणी पत्रक, जिल्हा सैनिक कल्याण अधिकारी माजी सैनिकांच्या नोंदी, जिल्हा वफ्फ अधिकारी यांचे कडील मुंतखब, शासकीय कर्मचाऱ्यांच्या सेवा तपशील सन १९६७ पूर्वीचे कर्मचाऱ्यांचा सेवा तपशील
जात प्रमाणपत्र पडताळणी समिती वैध व अवैध प्रकरणांचा तपशील व कारणे आदींची तपासणी करण्यात येणार आहे. 

वरील अभिलेख तसेच तालुकास्तरावर विविध शासकीय विभागातील १९६७ पुर्वीच्या कागदपत्रांची पडताळणी तपासणी करावयाची आहे. त्यात कुणबी कागदपत्रे आढळल्यास त्यांचे स्कॅनिंग करून जतन करावे तसेच तपासलेले कागदपत्र व आढळलेल्या नोंदी यांची माहिती दैनंदिन स्वरुपात जिल्हा समितीने प्राप्त करुन घेवून जिल्हा समिती विभागीय समितीस तसेच जिल्ह्याचे संकेतस्थळावर अद्ययावत करावी सदस्यांनी तालुका कक्षास भेट देवून चाललेल्या कामाची प्रगती तपासावी अशा सूचना देण्यात आलेल्या आहेत उपरोक्त सर्व अभिलेख शोधणे करीत प्रशासकीय स्तरावरील अभिलेख शोधणे बाबत नियोजन करण्यात आलेले असून‌ नागरिकांना त्यांचे कडील १९६७ पूर्वीचे शासकीय पुरावे जिल्हाधिकारी कार्यालयातील कक्षात तसेच तालुका स्तरावरील कक्षात दाखल करता येतील.

नागरिकांनी त्यांच्याकडील‌१९६७ पूर्वीचे शासकीय पुरावे असणारे अभिलेख (मराठी व्यतिरिक्त इतर भाषेत असल्यास सक्षम भाषांतरकार यांचे कडून भाषांतरित) जिल्हाधिकारी कार्यालयातील कक्षात तसेच तालुका स्तरावरील कक्षात दाखल करावे.असे आवाहन जिल्हाधिकारी सिध्दाराम सालीमठ यांनी केले आहे.

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*पत्रकार रमेश जेठे (सर) अहमदनगर*
*सहयोगी:* स्वाभिमानी संपादक सेवा संघ
*संकलन:*✍️✅🇮🇳...
समता न्यूज नेटवर्क,श्रीरामपूर - *9561174111*
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